PATNA : सरकार के तमाम दावों के बावजूद दिव्यांग के लिए उनकी पढ़ाई मुश्किल हो गई है। कॉलेज ऑफ कामर्स में क्लास करीब डेढ़ माह से प्रारंभ है। लेकिन एडमिशन के दौरान दिव्यांगों के लिए अगल से एडमिशन की लिस्ट नहीं निकाली गई। इसके कारण किसी भी दिव्यांग का एडमिशन नहीं हो सका।
इस बारे में जब प्रिंसिपल डॉ बबन सिंह ने बात की गई तो उन्होंने दो-टूक कहा कि अब किसी का एडमिशन होने का सवाल ही नहीं है। जब उनसे लिस्ट की बात पूछी गई तो उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। तोसियाष संस्था के सेक्रेटरी सौरभ कुमार ने कहा कि दिव्यांगों को न यूनिवर्सिटी और न ही कॉलेज ही सुविधा दे रहा है।
एडमिशन के लिए लगा रहे चक्कर
ख्भ् वर्षीय दिव्यांग समीर कुमार का कहना है कि उन्हें कालेज ऑफ कामर्स में पीजी कोर्स में एडमिशन से वंचित रखा गया। जबकि इसके लिए वे सभी प्रमाण पत्रों के साथ कालेज में एडमिशन के लिए कई बार चक्कर भी लगाया। लेकिन उन्हें न तो एडमिशन के बारे में सही से बताया गया और अंतत:
दिव्यांगों के लिए लिस्ट भी नहीं निकाली गई। जानकारी हो कि दिव्यांगों के लिए एडमिशन में नियमानुसार कम से कम पांच फीसदी सीट को रिजर्व रखने का प्रावधान है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सिर्फ यही नहीं, समीर ने बताया कि एडमिशन फार्म में जैसे सामान्य छात्र के लिए क्भ्0 रुपए लिए गए वह दिव्यांग छात्रों से भी वसूला गया। इसके अलावा दिव्यांग के लिए अलग से ब्0 रुपए का फॉर्म भरवाया गया।