पटना (ब्यूरो)। पिछले कुछ सालों से लोग अपनी इम्युनिटी बूस्ट करने को लेकर सजग हुए हैं। इम्युनिटी बूस्ट के लिए लोग नारियल पानी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। पटनाइट्स अब आर्टिफिशियल प्रिजर्वेटिव फ्रूट ड्रिंक से किनारा कर रहे हैं। यही वजह है कि बढ़ती गर्मी के साथ ही राजधानी पटना में नारियल पानी का बाजार गर्म है। बीते करीब दो हफ्ते में नारियल की मांग दोगुनी हो गई है और इसकी कीमतों में 25 परसेंट तक बढ़ोतरी हो चुकी है। शहर के चौक-चौराहों पर ये नारियल पानी इन दिनों सुकून का दूसरा नाम बन चुका है। मौसम के मिजाज के साथ सभी इसे हाथों हाथ ले रहे हैं, जबकि यह बीते दो हफ्तों में 40 से 80 रुपए तक हो चुका है।
25 लाख का कारोबार
गर्मी के तीखे मिजाज के बीच नारियल का पानी मेडिसिनल बेनिफिट की वजह से ज्यादा पसंद किया जा रहा है। बता दें कि एक डाभ में करीब 200 से 250 मिलीलीटर पानी होता है। शरीर में पोषक तत्वों को बरकरार रखने के लिए नारियल पानी की मांग तेजी से बढ़ गई है। इस बढ़ी हुई मांग का फायदा थोक व खुदरा दुकानदार उठा रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो प्रतिदिन 25 से 30 हजार नारियल पानी की बिक्री पटना में होती है। अमूमन 20 से 25 लाख रुपये का कारोबार प्रतिदिन डाभ का होता है।
थोक और खुदरा में भाव बढ़े
मांड्या क्षेत्र के नारियल का पानी काफी मीठा होता है। बिहार में नारियल मद्दूर और कोलेगल, चन्नरायापट्टद्दना, मांड्या और पांडवपुरा जैसे उसके आसपास के क्षेत्रों से लाया जाता है। बाजार में कीमतें अकेले विक्रेताओं और खरीदारों के बीच होने वाले मोल-भाव के बाद तय होती हैं और लेन-देन नकदी में ही होता है। बेगलूरू, गुजरात व व महाराष्ट्र से आने वाले नारियल का कारोबार अब बिहार तक फैल गया।
असंगठित है डाभ का बाजार
संगठित व्यवसाय नहीं होने के कारण महज एक-दो थोक विक्रेताओं के हाथ में इसका मूल्य सिमट कर रह गया है। खुदरा दुकानदार स्वराज केवट बताते हैं कि पहले 30-35 रुपये में साइज के अनुसार उन्हें नारियल का डाभ उपलब्ध हो जाता था। पांच-दस फीसद में पानी नहीं रहता है। हम 35 से 40 रुपये में आसानी से इसे बेच देते थे। आज थोक में ही उन्हें 40-50 रुपये तक मिल रहा है। बाजार में मांग के अनुरूप उसे 60 से 80 रुपये में बेच रहे हैं।
महंगाई से पड़ा खरीदारी पर असर
कारोबारियों का कहना है कि गर्मी की वजह से डाभ की बिक्री तो बढ़ी है। लेकिन रेट में इजाफा की वजह से खरीददार उतनी संख्या में नहीं आ रहे हैं, जितनी संख्या में लोग पहले आते थे। इसके अलावा उन्होंने कहा की बढे दाम के वजह से भी ग्राहक कम संख्या में ही दुकान आ रहे है। दुकानदारों का कहना है कि पिछली बार कोरोना की वजह से व्यापार ठप हो गया था तो इसबार महंगाई ने फिर से व्यापार पर बुरा असर डाल दिया है।
क्या है डायटीशियन की सलाह
डायटीशियन डॉ। विद्या का कहना है कि नारियल डाभ में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। डाभ से शरीर में पानी की कमी नहीं होती। डायरिया या उल्टी-दस्त में नारियल पानी काफी फायदेमंद माना जाता है। यदि आप बुखार या सर्दी-जुकाम से भी पीडि़त हो तो डाभ का सेवन कर सकते हैं। नारियल पानी में एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी समेत कई प्रमुख तत्व होते हैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। लोगों को डिहाइड्रेशन से बचाने में डाभ बहुत कारगर है।
फल जूस के साथ पेय पदार्थ की बढ़ी डिमांड
तेज गर्मी की वजह से शहर में नारियल डाभ के अलावा कोल्ड ड्रिंक्स, मैंगो शेक, लस्सी, नेचुरल ड्रिंक्स, गन्ना रस व सत्तू की डिमांड बढ़ती जा रही है। पटना के प्रमुख लस्सी विक्रेताओं की मानें तो यहां एक दिन में करीब आठ से 10 हजार गिलास लस्सी बिक रही है, जबकि सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक नारायण ठाकुर ने बताया कि पटना में मांग इतनी है कि इसकी सप्लाई के लिए बरौनी, आरा, मुजफ्फरपुर प्लांट से लस्सी मंगानी पड़ रही है।
600 करोड़ का है कोल्ड ड्रिंक्स का कारोबार
पटना और आसपास के इलाके में गर्मी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक्स का कारोबार लगभग 600 करोड़ का होता है। कोका कोला कारोबार से जुड़े नितिश खेतान ने बताया कि पटन में हर दिन 30-35 ट्रक कोल्ड ड्रिंक्स की सप्लाई होती है। कोका कोला के अलावा पेप्सी कंपनी का भी कोल्ड ड्रिंक्स का उत्पाद बाजार में उपलब्ध है।