पटना(ब्यूरो)। ओजोन लेयर में क्षति मनुष्यों के लिए घातक है। इससे बचने के लिए रूटीन लाइफ में ऐसे कई चीजें की जा सकती है जिससे ओजोन की क्षति को रोकने में हमें मदद मिल सकती है। ओजोन लेयर के क्षतिग्रस्त होने से सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणों से नुकसान होता है। ये बातें वल्र्ड ओजोन डे के मौके पर पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी प्रो। रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कही। वे पटना यूनिवर्सिटी में भूगोल विभाग, आइ.क्यू.ए.सी। पटना विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में भूगोल विभाग के सेमिनार हॉल में आयोजित स्पेशल लेक्चर के दौरान कही। लेक्चर का थीम रहा- मॉनट्रियल प्रोटोकॉल: फिक्सिंग द ओज़ोन लेयर एण्ड रिडयूशिंग क्लाइमेट चेंज।
वैश्विक प्रयासों के बारे में बताया
विश्व ओज़ोन दिवस -2023 के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो। मोहम्मद नाजिम के द्वारा की गई। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो। मोहम्मद नाजिम ने सभी वक्ताओं और गेस्ट का स्वागत किया। मुख्य वक्ता प्रो। रास बिहारी प्रसाद सिंह ने ओजोन छिद्र के बारे में विस्तारपूर्वक बताया और साथ ही ओज़ोन परत को ठीक करने के लिए किए गए वैश्विक प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि घरों में यूज होने वाले फ्रीज यदि फाइव स्टार हो तो इससे निकलने वाले केमिकल जो ओजोन को नुकसान पहुंचाते है, में बहुत कमी लाई जा सकती है। विभागाध्यक्ष प्रो। मोहम्मद नाजिम ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए बताया कि हमलोग अपने समाज के एजेंट के तरह हैं जो समाज का सही मार्गदर्शन करा सकते हैं।
आंख और स्किन पर प्रभाव
प्रो। रास बिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणों से रक्षा करती है। इसके क्षय होने से मनुष्यों को आंख और स्किन पर बुरा असर होता है। इसके अलावा खेतों में यूज किये जाने वाले कीटनाशकों से भी खतरा रहता है। इसलिए आर्गेनिक खेती की ओर रूझान होना चाहिए ताकि ओजोन की परत को नुकसान से बचाया जा सके। कुल मिलाकर अवेयरनेस ही बचाव है। लेक्चर के बाद भूगोल विभाग के द्वारा आयोजित क्विज काम्प्टीशन एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं - प्रज्ञा श्री, विशाल वर्मा, गरिमा भारती एवं अन्य छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ। देबजानी सरकार घोष ने किया। संचालन डॉ। प्रेरणा भारती द्वारा किया गया।