पटना ब्यूरो। पटना का तापमान 46 डिग्री पार कर चुका है। इसका असर वाहनों पर भी देखने को मिल रहा है। आलम ये है कि तेज गर्मी को फोर व्हीलर के इंजन नहीं झेल पा रहे हैं। कई गाड़ी ओवरहीट कर रही है तो कई गाडिय़ों की कूलिंग फेल हो गई है। एवरेज शहर में संचालित दर्जनों वर्कशॉप में प्रतिदिन ऐसी आठ से दस गाडिय़ां मरम्मत के लिए पहुंच रही है। इंजन हीट होने की वजह से कार मालिकों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इंजन ओवर हीट को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर के मैकेनिकों से बात की तो पता चला कि भारत में बनने वाली सभी कार का डिजाइन 45 डिग्री टेम्प्रेचर के हिसाब से किया गया है। शहर का ट्रेम्प्रेचर 46 डिग्री से उपर है। ऐसे में कार का इंजन और एसी खराब होना स्वभाविक है। मैकेनिकों ने इंजन को ओवर हीट और एसी खराब होने से बचाने के कई टिप्स दिए। पढि़ए रिपोर्ट
माइलेज पर पड़ रहा है असर
एनआईटी पटना के मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर डॉ। शैलेष पाण्डेय ने बताया कार के इंजन की हीटिंग कैपेसिटी 90 डिग्री होती है। मगर उसका डिजाइन कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि 45 डिग्री से उपर टेम्प्रेचर होने के बाद इंजन में लगे कई अन्य पार्ट डिस्टर्ब होने लगते हैं। जिस वजह से बीच रास्ते में ही गाड़ी बंद हो जाती है। उन्होंने बताया कि 45 डिग्री से उपर टेम्प्रेचर होने बाद गाड़ी के माइलेज पर भी असर पड़ता है।
कुलिंग में आ रही समस्या
शहर में संचालित वर्कशॉप के इंजीनियरों की माने तो ओवर हीट की वजह से कुलिंग पर असर पड़ रहा है। पुराने वाहनों में ये समस्या ज्यादा हो रही है। प्रोफेसर डॉ। शैलेष पाण्डेय ने बताया कि इंजन ओवर हीट होने की वजह से कुलिंग में समस्या आती है और एसी का कम्प्रेसर खराब हो जाता है।
एसी फिल्टर व कार के फिल्टर का करते रहे साफ
प्रोफेसर डॉ। शैलेष पाण्डेय ने बताया कि भीषण गर्मी में अगर आप अपनी कार से बाहर निकलने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कार और एसी के फिल्टर को साफ कर लें। फिल्टर जाम होने और टेम्प्रेचर बढऩे पर सबसे पहले कूलिंग प्रभावित होता है। जिससे ओवर हीट होकर इंजन भी हीट कर जाता है और कार बंद हो जाती है।
इंजन ऑयल को करते रहे चेंज
वर्कशॉप के मैकेनिकल इंजीनियर सुभाष कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में इंजन को ओवर हीट से बचाने के लिए समय-समय पर सर्विसिंग और इंजन ऑयल को चेंज करते रहे।
एयर प्रेशर रखे 28 से 35 पीएसआई
एक्सपर्ट ने बताया कि गर्मी के दिनों टायर ब्लास्ट होना आम बात हो गई है। गाड़ी पंक्चर न हो इस वजह से लोग 40 से 45 पीएसआई डलवा लेते हैं। जबकि सड़क की घर्षण 45 पीएसआई झेल नहीं पाती और टायर ब्लास्ट कर जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक वाहनों में एयर प्रेशर 28 से 35 पीएसआई रखना चाहिए।
स्टैंडर्ड गैस डलवाएं
एक्सपर्ट ने बताया कि गर्मी के दिनों में अगर आपके कार में लगे एसी की गैस खत्म हो जाए तो स्टैंडर्ड गैस ही डलवाएं। जिस कंपनी का गैस पहली बार डलवाएं हैं, उसी कंपनी का अगली बार भी डलवाएं। नहीं तो एसी का कम्प्रेसर खराब हो सकता है।
ओवर हीट होने से ऐसे बचाएं कार
- लगातार 100 किमी गाड़ी चलाने के बाद कम से कम 30 मिनट का ब्रेक लें
-छायादार जगह पर ही कार को पार्किंग करें
-एसी और कार के फिल्टर को समय-समय पर साफ करते रहें
- टायर में एयर प्रेशर 28 से 35 पीएसआई रखें
- इंजन ऑयल को समय-समय पर चेंज करते रहें
-निर्धारित समय पर सर्विंसिंग करना न भूलें
- पेट्रोल टैंक फूल न करवाएं
45 डिग्री के उपर तापमान होने पर हर 100 किमी के बाद 30 मिनट का ब्रेक लें। एसी और कार के कम्प्रेसर के फिल्टर को हमेशा साफ करते रहे हैं। समय-समय पर इंजन ऑयल चेंज करें अन्यथा इंजन हीट हो सकता है।
- डॉ। शैलेष पाण्डेय, प्रोफेसर मैकेनिकल विभाग, एनआईटी पटना