पटना ब्यूरो। राज्य के हर पंचायत में खेल क्लब खोलने की सरकारी घोषणा के बाद शनिवार पाटलिपुत्र खेल परिसर में खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता की अध्यक्षता में राज्य के विभिन्न खेल संघों के प्रतिनिधियों तथा जिला खेल पदाधिकारियों के साथ एक विमर्श बैठक हुई। बैठक में बिहार के 8353 पंचायतों में खेल क्लब, हर पंचायत में खेल का मैदान बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई। इस संदर्भ में प्रकाश डालते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास में खेल संघों का मह्त्वपूर्ण योगदान है। इसका प्रमाण बिहार के खिलाड़ियों के मेडल दे रहे हैं। इसमें ओर गति लाना ही लक्ष्य है।
63 खेल संघों के प्रतिनिधि और डीएसओ हुए शामिल
इस बैठक में बिहार के 63 खेल संघों के प्रतिनिधि और जिला खेल पदाधिकारी मिलाकर कुल 170 से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं। बैठक में बिहार के खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत कर राज्य का नाम रोशन करने की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि यह सभी का एक साथ मिलकर आपसी सहयोग के साथ प्रयास करने के कारण ही सम्भव हो सका है। श्री शंकरण ने आगे कहा कि विगत कुछ दिनों से बिहार खेल संबद्धता अधिनियम के संदर्भ में कुछ भ्रामक खबरें वॉटसप पर फैलाई जा रही थी जिससे कुछ संघ के लोगों में भ्रम और शंका की स्थिति थी। लेकिन स्पष्ट किया कि सरकार बिना भेदभाव के सभी खेल संघों के हित में काम कर रही है। सभी खेल संघों ने इस खंडन का स्वागत किया।
9 प्रमंडलों में होगा मल्टीपर्पस स्टेडियम
खेल मंत्री ने खेल संघ के प्रतिनिधियों और जिला खेल पदाधिकारियों से कहा कि सरकार की योजना हर पंचायत में खेल क्लब की स्थापना की है ताकि ग्रामीण स्तर तक खेल प्रतिभा का चयन हो सके और उन्हें प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी तैयार किया जा सके। सरकार की योजना हर पंचायत में खेल का मैदान उपलब्ध कराने की है, जिस पंचायत के पास जमीन उपलब्ध नहीं है वहां सरकार भूमि अधिग्रहण के द्वारा खेल के लिए मैदान उपलब्घ कराएगी। खेल के विकास के लिए खेल संघों के हर सुझाव को गंभीरता से लिया जाएगा। आगे कहा कि राज्य के 9 प्रमंडलों में जमीन का अधिग्रहण कर मल्टीपर्पस स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें 16 खेलों का आयोजन संभव हो सकेगा
राजगीर में होगा राज्य खेल सम्मान समारोह का आयोजन
इससे पहले खेल मंत्री ने बिहार सरकार की महत्वपूर्ण खेल छात्रवृत्ति योजना के पोर्टल का बटन दबाकर उद्घाटन किया। जो खिलाड़ियों के विकास में आर्थिक सहयोग के लिए खेल छात्रवृत्ति योजना बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को इस छात्रवृत्ति नीति की उत्कर्ष योजना के तहत 25 लाख रुपये सलाना छात्रवृत्ति की व्यवस्था है। राष्ट्रीय पदक जीतने वालों को सक्षम योजना के तहत 5 लाख की छात्रवृत्ति की व्यवस्था है ताकि अर्थिक आभाव में उनका प्रशिक्षण और प्रयास बाधित ना हो। साथ ही घोषणा की कि 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर राजगीर में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी का उद्घाटन किया जाएगा। इसी दिन राजगीर में खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को राज्य खेल सम्मान से सम्मानित किया जाएगा
एक साथ मिलकर काम पर जताई सहमति
खेल विभाग के निदेशक महेन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में खेल के विकास के लिए स्टेडियम, पंचायत खेल क्लब, खेल के मैदान,प्रशिक्षण केन्द्र जैसी तमाम बुनियादी और आधारभूत संरचनाओं का निर्माण सरकार तेजी से करवा रही है और इस दिशा में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक का मार्गदर्शन, प्रयास और सहयोग अत्यंत सराहनीय है। बैठक में उपस्थित खेल संघ के प्रतिनिधियों ने बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास को प्राथमिकता देते हुए सर्वसम्मति से एक साथ मिलकर काम करने पर अपनी सहमति जताई। बैठक में आए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत व आभार प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव पंकज कुमार राज ने किया।