पटना ब्यूरो । यह कभी नहीं स्वीकार करें कि यह नहीं किया जा सकता। बिहार में अभी स्टार्ट अप को लेकर भले ही दक्षिण भारत के शहरों जैसी छवि न बनी हो, लेकिन इसमें जो संशय पैदा करते है उन्हें यहां के उद्यमी गलत साबित करने के लिए काफी हैं। मैं उद्यमियों को लगातार असाधारण सफलता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं.- ये इंस्पायरिंग टॉक गूगल इंडिया में स्टार्टअप्स और वेंचर कैपिटल के प्रमुख अपूर्व चमरिया ने फेस-टू-फेस इंटरेक्शन और मेंटरशिप सेशन के दौरान कही। वे सीआईएमपी- बिजनेस इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन (सीआईएमपी-बीआईआईएफ) की ओर से सीआईएमपी ऑडिटोरियम में बोल रहे थे। यह सेशन बहुत रोचक रहा, जिसमें 200 स्टूडेंट्स, स्टार्टअप, और प्रोफेसरों ने भाग लिया। सत्र की शुरुआत सीआईएमपी डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) राणा सिंह ने एक वेलकम एड्रेस के साथ की।
काम्पटीशन को पॉजिटिव लें
स्टूडेंट्स के साथ इंटरैक्शन करते हुए चमरिया ने आगे कहा कि प्रतिस्पर्धा को नकारात्मक रूप से देखने से बचना चाहिए। सच ता यह है कि बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा एक दिलचस्प बाजार का संकेत देती है जहां ग्राहक उत्पाद की मांग करते हैं। यह बाजार विस्तार को दर्शाता है। जैसे ही आप प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में प्रवेश करते हैं। निश्चित तौर पर अपने ब्रांड को अद्वितीय बनाना महत्वपूर्ण है। मूल्य निर्धारण, उत्पाद की गुणवत्ता, ब्रांडिंग और ग्राहकों को मूल्य प्रदान करके विशिष्टता हासिल की जा सकती है। इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि बिहार सरकार के उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने भी स्टूडेंट्स को गाइड किया।
इनोवेशन कल्चर भी समझे
सीआईएमपी के डायरेक्टर प्रो। (डॉ.) राणा सिंह ने अपूर्व चमरिया की टिप्पणियों की सराहना की। उन्होंने कहा, आज साझा की गई अंतर्दृष्टि बेहद प्रेरक, प्रेरणादायक और परिवर्तनकारी रही है। यह दृष्टिकोण हमारे उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बहुत ही प्रभावी होगा। इसके अतिरिक्त, यह भारत की वैश्विक नवाचार रैंकिंग को ऊपर ले जाने में सचेत योगदान करेगा। सीआईएमपी बीआईआईएफ के सीईओ कुमोद कुमार ने कहा, 'बिहार के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम को अपूर्व चमरिया के मार्गदर्शन और बातचीत से बहुत फायदा होगा। बिहार से आने वाले एक व्यक्ति के रूप में उनकी कहानी हमारे राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करती है। दिलीप कुमार ने वोट आफ थैंक्स दिया।