पटना ब्यूरो। सांस्कृतिक संस्था त्रिवेणी कला केन्द्र, पटना द्वारा संगीत नाटक अकादमी के सौजन्य से विजय कुमार मिश्रा के नृत्य निर्देशन में नृत्य नाटिका शादी-विवाह का मंचन त्रिवेणी प्रांगण में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता, अंशुल कुमार पाण्डेय उपस्थित थे।
-देवी- देवताओं के समक्ष शादी पूर्ण होती है
-बारात वधू के घर पहुंचती है
नाटक के दूसरे दृश्य में मड़वा गड़ाई (मंडपाच्छादन) तथा हल्दी घोटाई की बारी आती है। इसके बाद शादी के दिन बारात निकलती है, वर के गांव की औरतें मन- बहलाव तथा सुरक्षा के लिए एक होकर डोमकच का स्वांग करती है, बारात वधू के घर पहुंचती है, वर की अभ्यर्थना की जाती है, वधू को भेंट दिए जाते है, शादी का विधिवत् प्रारंभ होता है, फेरे और सिंदूरदान की रस्म होती है, परिजनों, अतिथियों तथा तमाम देवी- देवताओं के समक्ष शादी पूर्ण होती है और अगले दिन लड़की की विदाई होती है।
नृत्य नाटिका सादी बियाह का पात्र परिचय
दुल्हन- तनु प्रिया
दुल्हा- नंदन कुमार यादव
दुल्हन की माँ-अदिति सिंह
दुल्हे की मां- देवोक्षी कुमारी
दुल्हन के पिता- हरी कृष्ण सिंह (मुन्ना)
दुल्हे के पिता- रतन कुमार
दुल्हन का भाई- राजेषी राज
दुल्हे की बहन- अनुष्का घोष
डोमिन- सोनाली सरकार
डोम- अर्पणा
सिपाही- निशा
हजाम- अरविन्द कुमार
सखी- रूम्पा डे, इप्शा, दिपती एवं संध्या कुमारी
पुरोहित- माधव