पटना ब्‍यूरो। शारदीय नवरात्र से पहले सूखे मेवे की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक महीनें के भीतर मखानें में 300 रुपये प्रतिकिलो की तेजी आई है। जो मखाना 650 से 700 रुपये किलो बिकता था। वह इस बार 1000 से 1100 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। यहीं हाल गरी गोला, किशमिश, बादाम का भी है। कारोबारियों के अनुसार मेवे के दामों में 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हो चुकी है। चार टुकड़ा काजू भी 1000 रुपये पार है। नवरात्र में कीमतें और बढ़ने के आसार हैं।

ऑनलाइन खरीदारी का भी असर
नवरात्र तीन अक्टूबर से शुरू हो रहा है। ऐसे में लोगों ने नवरात्र से जुड़ी सामग्रियों की खरीदारी शुरू कर दी है। ड्राई फ्रूटस के थोक कारोबारी गौरव विनायक ने बताया कि कुछ वर्षों में मखाने की खपत तेजी से बढ़ी है। बिहार के कई इलाके बाढ़ की चपेट में है। ऐसे में पैदावार पर भी असर पड़ा है। वहीं बिहार में अधिकांश मेवा दिल्ली, मुंबई से आता है, लेकिन ऑनलाइन खरीदारी के कारण थोक और खुदरा बाजार पर इसका असर है।

त्योहार में बढ़ जाते हैं दाम
वहीं सब्जीबाग स्थित फुटकर कारोबारी मो। अजहर ने बताया कि त्योहार करीब आते ही सूखे मेवे के दाम बढ़ गए हैं। मखाना, गरी का गोला आदि के दाम बीते एक माह के दौरान कुछ ज्यादा ही बढ़े हैं। एक अन्य फुटकर कारोबारी अनिकेत ने बताया कि सिंघाड़े का आटा 130 रुपये से बढ़कर 150 रुपये प्रतिकिलो और कुट्टू का आटा 100 रुपये से बढ़कर 120-130 रुपये प्रतिकिलो हो गया है।

गोले में 15 दिन में रिकॉर्ड तेजी
गरी गोले के दामों में रिकॉर्ड तेजी आई है। एक पखवाड़े के भीतर गोला 60 रुपये किलो महंगा हो गया है। फुटकर बाजार में 140 रुपये से बढ़कर 200 रुपये किलो पहुंच गया है। वहीं चिरौंजी 1600—1700 रुपये से बढ़कर 1900—2000 रुपये किलो पहुंच गया है। ड्राई फ्रूट्स कारोबारियों की मानें तो जन्माष्टी से अबतक बादाम, चिरौंजी, काजू, मखाना और छुआरा आदि के 20 फीसदी तक दाम बढ़ गए हैं।


मेवे के दाम में हुई बढ़ोतरी

20 अगस्त का दाम 29 सितंबर का दाम
मखाना 700-750 रुपये 1000-1100 रुपये
काजू 750-800 रुपये 800-1000 रुपये
छुआरा 350-400 रुपये 550 रुपये
किशमिश 240-250 रुपये 250-380 रुपये
बादाम 800-880 रुपये 850-950 रुपये
नारियल गोला 140 रुपये 200 रुपये किलो
चिरौंजी 1600- 1700 रुपये 1900- 2000 रुपये
मूंगफली 80—100 110—140 रुपये
अंजीर 1000 1200 रुपये
अखरोट साबूत 400—600 450—700 रुपये

त्योहार में इजाफा रेट में होता है। इस बार मखाना महंगा होने की मुख्य वजह बाढ़ है। नवरात्र के दौरान और भी दाम में तेजी आ सकती है।
—गौरव विनायक, ड्राई फ्रूटस कारोबारी

मां की आराधना भर की खरीदारी तो करनी होगी ही। रही फलहार की तो कुछ ओर विकल्प तैयार करना होगा। मखाना भी बजट से बाहर है।
— मोनी उपाध्याय, गृहिणी

दुकानदारों की मनमानी तो हमेशा से रही है। उन्हें तो बस त्योहारों में ही मुनाफा कमाना होता है। क्या होगा ड्राइफ्रूटस न खाकर आलू व अन्य सामग्री से फलहार किया जाएगा।
प्रदीप पांडे, व्यवसायी