पटना ब्‍यूरो।

लेकिन उसकी उम्मीदें तब दम तोड़ देती है जब जमीन की चाहत में वह शहर को आता है और यहां उनका पाला जमीन के नाम पर ठगी के धंधा करने वालों से पड़ता है। फिर केस मुकदमा से थक हारकर लूटे-पीटे अंदाज में अपनी जिंदगी से निराश हो जाता है और आखिरकार उसकी जिंदगी में निराशा के सिवा कुछ भी नहीं आता है। सवाल यह है कि जमीन और फ्लैट को लेकर ठगों का नेटवर्क कितना इनरिच है। कैसे यह लोग अपने मंसूबे में कामयाब होते हैं और इनसे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं। पढिय़े रिपोर्ट।

ठगी का क्या है मॉडस ऑपरेंडी


शहर में कई ग्रुप या सिंडिकेट हैं जिन्होंने जमीन खरीद बिक्री के नाम पर अपनी दुकान खोल रखी है। यह लोग सोशल मीडिया से लेकर प्रोपर्टी वेबसाइट पर एक्टिव होते हैं। जहां से लोगों से कांटैक्ट कर उन्हें सस्ते दाम पर जमीन बेचने का प्रलोभन देते हैं। यह अपने टारगेट पर ज्यादातर नौकरी पेशे वाले लोगों को रखते हैं। पटना में इनका शानदार ऑफिस होता है। जहां से अपना कारोबार करते हैं। फिर यह पार्टी खरीदने वालों से कांटैक्ट करके उन्हें दूसरे तीसरे आदमी की जमीन दिखा देते है। फिर उक्त जमीन का बेचने के लिए संबंध पक्ष से एग्रिमेंट करके उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं। फिर कुछ दिन टालमटोल करने के बाद फरार हो जाते हैं।

थानों में लगातार आ रहे हैं मामले


पटना के ज्यादातर वैसे इलाके जो फिलहाल अविकसित हैं। जहां पर जमीनें खाली हैं। वहीं इस तरह के ज्यादा मामले आ रहे हैं। नेउरा थाना में पदस्थापित एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां पर जमीन के खरीद बिक्री में धोखाधड़ी के केस कुल केसेज के 80 प्रतिशत तक होते हैं।

केस 1
पटना में आवास बोर्ड की जमीन दिखाकर ठगी का मामला सामने आया था। जिसमें पुलिस ने एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था। पटना के बहादुरपुर व कांटी फैक्ट्री रोड में बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन को काफी कम कीमत पर देने के नाम पर चार लोगों से 2.48 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया। जिसके बाद कदमकुआं पुलिस ने आरोपित दो शिक्षक कामता प्रसाद व अनुज किशोर प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पटना सिटी स्थित जालान हाई स्कूल में वोकेशनल शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। अनुज किशोर राष्ट्रपति से भी पुरस्कृत हो चुके हैं।

केस 2
पटना के कंकड़बाग इलाके से एक आईएएस ऑफिसर के दामाद पर 50 करोड़ से अधिक की राशि गबन करने का आरोप लगाया गया था। इसने एक ही जमीन को दो दर्जन से अधिक लोगों को बेचा और उनसे जमकर पैसे लूटे। इतना ही नहीं चिट-फंड और शेयर मार्केट में लोगों को पैसे लगाने के लिए लत लगाया और जब लोगों की लत लगी और उसके पैसों को भी गबन कर लिया। जिसके बाद अब करीब 100 से अधिक लोगों ने शिकायत दर्ज कराने कंकड़बाग थाना पहुंचे थे।

केस 3
फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन बेचने का मामला नौबतपुर से आया था। जमीन माफिया को नौबतपुर पुलिस ने रुपसपुर थाने के सहयोग से रुकनपुरा से धर दबोचा था। गिरफ्तार आशीष कुमार चिरौरा का निवासी है। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

केस 4
फ्लैट धोखाधड़ी मामले का शिकार गांधी मैदान के तत्कालीन ट्रैफिक दरोगा हो गए थे। उनसे एक करोड़ दस लाख की ठगी की गई थी। जिस फ्लैट को उन्होंने खरीदा था वह बैंक के पास गिरवी रखी हुई थी।

जमीन और फ्लैट मामले में धोखाधड़ी से कैसे बचें
1 जमीन अगर खरीदने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले जमीन के खतीयान की जांच करें.
2 जमीन का मूल मालिक कौन है और उसके पास जमीन बेचने का अधिकार हैं या नहीं इसकी जांच जरूर कर लें।
3 जमीन से जुड़े वेबसाइट लैंड बिहार पर जमीन का ऑनलाइन खतीयान और डिमांड उपलब्ध हैं उसे भी जांच कर लें।
4 जमीन और फ्लैट बैंक के पास गिरवी तो नहीं रखी गई है इसकी भी जांच कर लें।
5 जमीन को लेकर भू-राजस्व कर्मचारी से मिलकर उस जमीन से संबंधित विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
6 उक्त जमीन के खिलाफ कोई विवाद या फिर कोर्ट में मामला तो नहीं चल रहा है इसके बारे में भी पता कर लें।