पटना (ब्यूरो)। पटना मेट्रो रेल के भू-अर्जन के लिए शेष राशि का नए सिरे से आवंटन किया जाएगा। मार्च क्लोजिंग के कारण दो-दो स्वीकृति आदेश के बावजूद राशि की निकासी नहीं की जा सकी। इसके कारण नगर विकास एवं आवास विभाग ने दोनों स्वीकृति आदेश को रद कर दिया है। जमीन अधिग्रहण के लिए शेष राशि निकासी की जल्द ही स्वीकृति दी जाएगी ताकि मुआवजा भुगतान का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाए। पिछले माह सात मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 492.41 करोड़ रुपये भू-अर्जन मद में निकासी की स्वीकृति दी गई थी। मगर सीएफएमएस पोर्टल पर राशि की कैपिंग कर दिए जाने के कारण इस राशि की निकासी नहीं हो सकी। ऐसे में सात मार्च के आदेश को रद कर दिया गया। इसके बाद 29 मार्च को दूसरा स्वीकृति आदेश जारी किया गया जिसमें 182.41 करोड़ की निकासी की स्वीकृति दी गई। हालांकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक इस राशि की भी निकासी नहीं की जा सकी।
808 करोड़ की निकासी
पटना मेट्रो के भू-अर्जन मद में अभी तक करीब 808 करोड़ की राशि निकाली जा चुकी है। इसमें 28 दिसंबर की स्वीकृति आदेश पर करीब 308 करोड़ जबकि 20 जनवरी की स्वीकृति आदेश पर 500 करोड़ की निकासी की गई है। मालूम हो कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के भू-अर्जन मद में खर्च होने वाली राशि पूरी तरह राज्य सरकार को ही वहन करनी है। इसके अलावा प्रोजेक्ट लागत में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 20-20 प्रतिशत है, जबकि बाह्य एजेंसी से 60 प्रतिशत ऋण लिया जाना है।
डिपो के लिए 76 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
पटना मेट्रो की डिपो के लिए न्यू आइएसबीटी के पास 76 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन के लिए दावा-आपत्ति ली जा चुकी है। जमीन का मुआवजा देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही मेट्रो को जमीन हस्तांतरित हो जाएगी।