पटना ब्यूरो। उद्योग विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बिहार लघु उद्यमी योजना के 50 हजार लाभुकों का चयन कम्प्यूटरीकृत रेण्डमाइजेशन प्रणाली से किया गया। उप मुख्यमंत्री-सह- उद्योग मंत्री, सम्राट चौधरी की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के 12,568, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 936, अति पिछड़ा वर्ग के 17,730, पिछड़ा वर्ग के13,038 एवं सामान्य वर्ग के 5,728 आवेदकों का चयन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में जाति आधारित गणना में कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या लगभग 2 करोड़ 76 लाख है और उनमें परिवार की मासिक आय के आधार पर 94 लाख से अधिक परिवार आर्थिक रूप से गरीब पाए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्व-रोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं राज्य में बेरोजगारी दर में कमी लाये जाने के उद्देश्य से ''बिहार लघु उद्यमी योजनाÓÓ लागू की गयी है।
-दो लाख रूपये अनुदान देने के प्रावधान किया गया
योजना के अन्तर्गत प्रत्येक लाभुक को स्वरोजगार के लिये अधिकतम रू0 2.00 लाख (दो लाख रूपये) की राशि अनुदान के रूप में देने का प्रावधान किया गया है। उन्होने कहा कि गरीबों को रोजगार देने हेतु यह एक अभिनव योजना है। सभी लाभुक अपना रोजगार करें और अपनी-अपनी आमदनी बढ़ायें। हमें बिहार को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बिहार बनाना है। ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाकर हम इस लक्ष्य को हासिल करेंगे। बड़े उद्योग भी लगाएंगे और छोटे उद्योग भी लगाएंगे। इससे बिहार आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि इस योजना के लिए उद्योग विभाग का पोर्टल 5 फरवरी से 20 फरवरी, 2024 तक खोला गया जिस दौरान 2,02,013 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 61,494, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 3,150, अति पिछड़ा वर्ग के 73,385, पिछड़ा वर्ग के 46,996 एवं सामान्य वर्ग के 16,988 आवेदन प्राप्त हुए। इन्हीं में से 50 हजार लाभुकों का चयन किया गया है और 10 हजार लाभुक प्रतिशा सूची में रखे गये है.उन्होने कहा कि बिहार लघु उद्यमी योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू0 250.00 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 1,000.00 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। कार्यक्रम में उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित, तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक विशाल राज, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय, उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार एवं संयुक्त सचिव योगेश कुमार सागर, उप उद्योग निदेशक रंजन कुमार सिन्हा, सहायक उद्योग निदेशक अजय कुमार दीक्षित एवं प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।