पटना ब्यूरो। महावीर मन्दिर न्यास द्वारा बिहार के पूर्वी चंपारण के कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट् रामायण मन्दिर के 270 फीट की ऊंचाई को पर्यावरण क्लीयरेंस मिल गया है। सिया यानी राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद सिया ने अपनी हरी झंडी दी है। विराट् रामायण मन्दिर का मुख्य शिखर 270 फीट ऊंचा होगा। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पूर्व में विराट् रामायण मन्दिर की ऊंचाई 225 फीट रखी गयी थी.यह कंबोडिया के अंकोरवाट मन्दिर से थोड़ा अधिक था। अंकोरवाट मन्दिर की ऊंचाई 220 फीट है। कंबोडिया सरकार की आपत्ति के बाद विराट् रामायण मन्दिर के डिजाईन में थोड़ा परिवर्तन किया गया। विराट् रामायण मन्दिर की ऊंचाई बढ़ाकर 270 फीट कर दी गयी। मन्दिर की चौड़ाई 540 फीट और लंबाई 1080 फीट है। भारत सरकार ने विराट् रामायण मन्दिर के नये डिजाइन और योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। तब के केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डा। महेश शर्मा ने महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल को प्रेषित अपने पत्राचार में विराट् रामायण मन्दिर की कार्य योजना की प्रशंसा में लिखा था- मैं भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में विभिन्न कालखंडों में विकसित वास्तुकलाओं और डिजाइनों का सम्मिश्रण प्रतीत हो रहे एक भव्य मन्दिर के निर्माण में आपकी संस्था के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।
विराट रामायण मन्दिर में कुल 2101 पिलर होंगे
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर देश का सबसे बड़ा मन्दिर होने जा रहा है। इसके 3246 भूगर्भ स्तंभों का निर्माण पूरा हो चुका है। अब ऊपरी स्तंभों का निर्माण कार्य चल रहा है। विराट् रामायण मन्दिर में कुल 2101 स्तंभ अर्थात् पिलर होंगे। इनमें भूतल पर 853, प्रथम तल पर 572, द्वितीय तल पर 540 और शिखर के लिए 136 पिलर होंगे.आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर में कुल 4,47,436 वर्गफुट निर्माण को पर्यावरण मंजूरी मिली है। इसमें केवल मन्दिर का निर्मित क्षेत्र 3,82,729 वर्गफुट है। बाकी 64,710 वर्गफुट सर्विस एरिया होगा।
1.36 लाख वर्गफुट में शिवगंगा का निर्माण
अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम- जानकी मार्ग पर अवस्थित विराट् रामायण मन्दिर परिसर में शिवगंगा का निर्माण किया जाएगा। इसका क्षेत्रफल 1,36,705 वर्गफुट होगा। यह सरोवर आकार में अद्धवृत्ताकार होगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट् रामायण मन्दिर की मुख्य संरचना का निर्माण दो वर्षों में पूरा होने का आकलन किया गया है। मन्दिर में कुल 12 शिखर होंगे। दूसरा बड़ा शिखर 198 फीट का होगा। जबकि 180 फीट के चार शिखर हैं। जबकि 108 फीट के पांच शिखर होंगे.एक शिखर 135 फीट की ऊंचाई का होगा। मन्दिर में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की एक ही चट्टान से निर्मित विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना होगी। महाबलिपुरम में तराशे जा रहे सहस्रलिंगम की ऊंचाई 33 फीट और गोलाई भी 33 फीट होगी। शिवलिंग का वजन 210 मीट्रिक टन होगा। आचार्य किशोर कुणाल ने पर्यावरण मंजूरी के लिए सिया के अध्यक्ष प्रो अतुल आदित्य पांडेय और सदस्य सचिव अभय कुमार के साथ मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष गोपाल शर्मा को धन्यवाद ज्ञापित किया है।