काबू में नहीं आ रहा छोटा सा गैंगस्टर्स का दल
पाकिस्तानी सेना छोटू गैंग के बदमाशों पर अब तक काबू नहीं पा सकी है। हालाकि सेना ने सिंधु नदी में बने टापू पर शरण लिए हुए डाकुओं के ठिकानों पर हमलावर हेलीकॉप्टरों से हमले तेज कर दिए हैं। इस गिरोह 24 पुलिसवालों को अगवा कर रखा है। डॉन समाचार पत्र के मुताबिक गैंग ने कुछ जवानों को रिहा कर दिया है। अन्य पुलिसकर्मियों की रिहाई के बदले सुरक्षित बाहर निकलने की शर्त रखी है।
सैन्य हैलिकाप्टर्स से हमला
वहीं, सोमवार दोपहर को डेडलाइन खत्म होने के बाद सेना ने गैंग के खिलाफ पूर्ण अभियान छेड़ दिया है। डॉन आनलाइन के मुताबिक राजनपुर के अलावा डेरा गाजी खान और रहीम यार खान के अस्पतालों में आपात की घोषणा कर दी गई है। इससे पहले क्षेत्र में सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारी जनरल इशफाक नदीम अहमद ने राजनपुर पहुंचकर हालात और अभियान की तैयारियों का जायजा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों के पास अभियान चलाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। मुठभेड़ में अब तक छह पुलिसकर्मी और सात डाकू मारे गए हैं।
क्या है छोटू गैंग
छोटू गैंग स्थनीय बदमाशों का एक गिरोह है जो 2002 में यह लूटपाट का काम करता था।, जिसका सरगना गुलाम रसूल उर्फ छोटू था। उसकी जमीन पर इलाके के दबंगों ने कब्जा कर लिया था। जमीन लेने के लिए छोटू ने इलाके के बाबा गैंग से मदद ली। जमीन मिलने पर छोटू को बाबा पर यकीन हो गया और एक मिश्रित दल की बुनियाद पड़ी। छोटू ने लंबे वक्त तक बाबा के लिए काम किया। कहते हैं कि 13 साल की उम्र तक छोटू और उसके भाई पर मर्डर के 18 मामले दर्ज हो गए थे। 2004 तक छोटू पंजाब का सबसे बड़ा क्रिमिनल बन गया। 2005 में छोटू ने सिंधु रिवर हाईवे से 12 चीनी इंजीनियरों को अगवा किया था। अब ये दल पाकिस्तान में बड़ा सरदर्द बन चुका है।
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