वाशिंगटन (एएनआई)। बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति से नेविगेशन की स्वतंत्रता को दोहराया। बाइडेन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका लगातार 21वीं सदी में भी आने-जाने की स्वतंत्रता, खुलापन तथा निष्पक्षता के लिए खड़ा रहेगा। ताइवान पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका वन चाइना पाॅलिसी का प्रबल समर्थक है। इसी के तहत वह ताइवान रिलेशन एक्ट, थ्री ज्वाइंट कम्युनिक्यूज तथा सिक्स अश्योरेंसेज को भी मानता रहेगा। व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है कि अमेरिका ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति तथा स्थिरता में कमी लाने की एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध किया है।


हमेशा खुले रहें बातचीत के रास्ते
अमेरिका तथा चीन के बीच यह बैठक बीजिंग तथा वाशिंगटन में बिगड़ते रिश्तों को लेकर थी। इस वार्ता में मानवाधिकारों, कारोबार तथा हथियारों की होड़ जैसे गंभीर मुद्दे भी शामिल रहे। हाल ही में बीजिंग ने ताइवान में अपनी सैन्य घुसपैठ बढ़ाई तथा लगातार इस डेमोक्रेटिक द्वीप की प्रमुता पर अपना दावा पेश करता रहा है। चीनी राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने रणनीतिक जोखिमों पर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदले तथा बातचीत के रास्ते हमेशा खुले रहने चाहिए।
अफगानिस्तान तथा उत्तर कोरिया पर भी चर्चा
बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति के समक्ष उन चुनौतियों को भी उठाया जहां दोनों देशों के हित आपस में टकरा जाते हैं, जैसे स्वास्थ्य तथा सुरक्षा का मुद्दा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इंडो-पैसिफिक की स्वतंत्रता तथा खुलेपन पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता पर स्थिर बना हुआ है। इस मामले वह अपने वादों से पीछे नहीं हटेगा। दोनों देश के नेताओं ने पर्यावरण संकट के मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने उत्तरी कोरिया, अफगानिस्तान तथा ईरान संबंधी क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी विस्तार से चर्चा की। चीन तथा अमेरिका के बीच यह पहली वार्ता है। दुनिया की दो बड़ी ताकतों की बैठक तीन घंटे तक चली।

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