कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Bharat Bandh 2024: रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 21 अगस्त यानी कि आज बुधवार को भारत बंद की घोषणा की है। राजस्थान में एससी/एसटी समूह बंद का समर्थन कर रहे हैं। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर 'भारत बंद' बुलाया है। इस दौरान नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गनाइजेशन (NACDAOR) ने अनुसूचित जातियों (SCs), अनुसूचित जनजातियों (STs) और अन्य पिछड़ा वर्गों (OBCs) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है। कई रिपोर्टों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर सब कैटेगरी बनाने की अनुमति दी, जिसमें कहा गया, "जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें रिजर्वेशन में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।" ऐसे में एनएसीडीएओआर ने सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है, क्योंकि उनका तर्क है कि इससे एससी और एसटी के संवैधानिक अधिकारों को खतरा है। भारत बंद अदालत के फैसले के विरोध में और अदालत के आदेश को पलटने की मांग के लिए है। बंद को विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
#WATCH | Bihar: The 'Reservation Bachao Sangharsh Samiti' are observing a day-long Bharat Bandh today to protest the Supreme Court's recent judgment on reservations.
(Visuals from Patna) pic.twitter.com/LqU9Mixb0Y— ANI (@ANI) August 21, 2024
भारत बंद 2024: सुरक्षा उपाय
किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए पुलिस को सभी जिलों में तैनाती बढ़ाने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीजीपी यूआर साहू ने यह भी कहा कि भारत बंद के संबंध में कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एसपी को भी निर्देश दिए गए हैं। हमने अपने अधिकारियों से बंद का आह्वान करने वाले समूहों के साथ-साथ बाजार संघों के साथ बैठकें आयोजित करने को कहा है, ताकि बेहतर सहयोग हो सके। बंद के दौरान हिंसा की संभावना को देखते हुए, शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारी के लिए एक बैठक की। बैठक में सभी संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है, जिसके कारण वहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं। हालांकि ऐसे दिनों में सार्वजनिक परिवहन और निजी कार्यालय आमतौर पर काम नहीं करते हैं, लेकिन एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।
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