हालांकि इसे बिलावल भुट्टो के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. बिलावल ने पहली बार एक बड़ी रैली को संबोधित किया और भाषण में अपनी मां की मौत का भी जिक्र किया. बिलावल ने कहा,"देश में लोकतंत्र कायम करने के लिए बेनज़ीर ने अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर दी"
उन्होंने कहा कि उनकी मां को सरेआम मार दिया गया और वो आजतक न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं. पांच साल पहले 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या एक रैली के दौरान कर दी गई थी. उनपर बम और गोलियों से हमले किए गए थे.
बिलावल
बेनज़ीर के निधन के बाद से उनके बेटे बिलावल भुट्टो 'पीपीपी' के अध्यक्ष हैं. लेकिन इसके बावजूद बिलावल पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में नहीं दिखाई देते. बिलावल अभी 24 साल के हैं और जब तक वो 25 साल के नहीं हो जाते तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते.
अगले साल यानी 2013 में वहां संसदीय चुनाव होने हैं और 'पीपीपी' आसिफ अली ज़रदारी के बजाय बिलावल को अपने नेतृत्व के तौर पर देख रही है. बेनज़ीर की पांचवी बरसी के मौके पर जिस तरह से 'पीपीपी' ने सिंध प्रांत में शक्ति प्रदर्शन किया उससे ज़ाहिर है कि बिलावल का मैदान तैयार हो रहा है.
मौके पर मौजूद बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब ज़िलानी का कहना है कि राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी और बिलावल इस रैली को पार्टी के पक्ष में अच्छी तरह से भुना सकते हैं. ऑक्सफोर्ड से स्नातक करने वाले बिलावल आने वाले चुनाव में 'पीपीपी' ही नहीं पाकिस्तान की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
बेनज़ीर
विभाजन के बाद से पाकिस्तान की राजनीति में भुट्टो परिवार का प्रभुत्व रहा है. बेनज़ीर के पिता ने पीपीपी का गठन किया था और खुद बेनज़ीर दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं. अब बेनज़ीर के बेटे बिलावल को उनके वारिश के तौर पर देखा जा रहा है.
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