हालांकि ये टूर्नामेंट थोड़ा अलग है क्योंकि इसका मक़सद है विश्व कप में हिस्सा ले रहे 32 देशों में अमीरों और ग़रीबों के बीच की खाई की ओर ध्यान खींचना.
अंतरराष्ट्रीय सहायता संस्था ऑक्सफ़ैम ने इस ''इनिक्वालिटी वर्ल्ड कप'' यानी '' असमानता विश्व कप'' का आयोजन किया है.
इस विश्व कप में न कोई मैच खेला गया और न कोई गोल हुआ लेकिन इसका विजेता अभी से घोषित कर दिया गया है.
असमानता विश्व कप का विजेता है बेल्जियम क्योंकि यहां अमीरों और ग़रीबों के बीच सबसे कम अंतर है. इस सूची में दूसरा स्थान जर्मनी का है.
असमानता
12 जून से शुरू हो रहे फ़ुटबॉल विश्व कप में भले ही मेज़बान ब्राज़ील ख़िताब के मज़बूत दावेदारों में से एक है लेकिन इनिक्वालिटी वर्ल्ड कप में ये शुरुआती राउंड्स में ही प्रतियोगिता से बाहर हो गया.
विभिन्न वर्गों में काफ़ी ज़्यादा आर्थिक असमानता होने की वजह से ब्राज़ील को न सिर्फ़ रेड कार्ड मिला बल्कि वह ग्रुप स्टेज के लिए भी क्वालिफ़ाई नहीं कर पाया.
कुछ ऐसा ही हाल इंग्लैंड का भी रहा जो दूसरे दौर में जापान से हार गया.
इनिक्वालिटी वर्ल्ड कप में लातिन अमरीका के कई अन्य देशों का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं है क्योंकि ऑक्सफ़ैम के मुताबिक यहां आश्चर्यजनक रूप से आर्थिक असमानता है.
कर चोरी पर शिकंजा
ऑक्सफ़ैम के रिकार्डो फ़ुएंटेस-निएवा का कहना था, "हाल के सालों में कुछ विकास होने के बावजूद ये दुनिया के सबसे असमान क्षेत्रों में से एक है."
लेकिन संस्था का ये भी कहना है कि लातिन अमरीका दुनिया के उन क्षेत्रों में से एक है जहां अमीर और ग़रीब के बीच की खाई कम हो रही है.
असमानता वर्ल्ड कप में ख़राब प्रदर्शन करने वाले देशों में रूस और घाना शामिल हैं जबकि अमरीका, नाइजीरिया, मेक्सिको, अल्जीरिया, उरुग्वे, एक्वाडोर, ऑस्ट्रेलिया और आइवरी कोस्ट अपने-अपने वर्गों में तीसरे स्थान पर रहे.
वहीं फ़ुटबॉल विश्व कप में अपने ख़िताब का बचाव करने के लिए उतर रहा स्पेन इनइक्वॉलिटी वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में जापान से हार गया.
अमीरों और ग़रीबों के बीच के फ़र्क़ को कम करने के लिए ऑक्सफ़ैम ने दुनिया भर के देशों की सरकारों से कर चोरी पर शिकंजा कसने और शिक्षा में निवेश करने के लिए कहा है.
International News inextlive from World News Desk