ट्रांजिएंट ब्लाइंडनेस
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक देर रात तक अंधेरे कमरे में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों पर लंदन में रिसर्च में हुआ है। महिलाओं की आईसाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में उनकी आदतों को और लक्षणों को ध्यान में रखते हुए रिसर्च किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक अंधेरे में स्मार्टफोन पर लगातार फोकस करने से आंखो में 'ट्रांजिएंट स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस' बीमारी हो जाती है। इससे आंखो की रोशनी तक जा सकती हैं। रिसर्च में दो बड़े गंभीर मामले पाए गए हैं। जिसमें इंग्लैंड में रहने वाली एक 22 साल की लड़की की इन्हीं आदतों की वजह से आंखो की रोशनी चली गई।
एक आंख पर प्रेशर
इंग्लैंड की यह लड़की अंधेरे कमरे में अपने स्मार्टफोन में टकटकी से लगातार देखती रहती थी। इस दौरान वह एक ही करवट लेटती थी। जिससे वह ज्यादातर बाई करवट लेटने पर अपनी दाईं आंख से स्मार्टफोन पर नजर रखती थी। ऐसे में उसकी दाई आंख पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ने से उसकी कॉर्निया डैमेज हो गई। वहीं इस रिसर्च में एक 40 साल की महिला के साथ भी यही आदत पाई गई। यह भी लेटकर स्मार्टफोन इस्तेमाल करती थी। इस दौरान वह कई घंटे तक स्मार्टफोन पर न्यूज, फैशन, आदि के बारे में पढ़ा करती थी। इस महिला की यह आदत लगभग लगातार एक साल की हो गई थी। जिससे अब उसे भी आंखो में प्रॉब्लम हो गई है।
रेटिना सेट हो जाती
वहीं इस संबंध में डाक्टर्स का कहना है कि घंटो लेटकर स्मार्टफोन पर देखने से उनके एक आंख की रेटिना रोशनी चली गई। वहीं उनकी दूसरी आंख की रेटिना अंधेरे के हिसाब से सेट हो गई। हालांकि शुरुआत में इन महिलाओं को कुछ वक़्त के लिए दिखाई देना बंद हो जाता था, लेकिन ये महिलांए चीज को अवॉइड कर देती थीं। ऐसे में अगर किसी को भी आंखों से कुछ देर के लिए दिखना बंद हो या देखने में प्रॉब्लम हो तो उसे हल्के में न लें। यह टेम्परेरी ब्लाइंडनेस का अनुभव होता है। इसे अवॉइड करना भारी पड़ सकता है। यह 'ट्रांजिएंट स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस' बीमारी के शुरुआती लक्षण होते हैं। ऐसे में देर रात तक अंधेरे कमरे में मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम किया जाना ही बेहतर होगा।Health News inextlive from Health Desk