रूस का कहना है कि वह इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों को निशाना बना रहा है जिस पर पश्चिमी ताक़तें भी बमबारी कर रही है।
लेकिन कैमरन का कहना है कि रूस के ज़्यादातर हमलों में उन इलाक़ों को भी निशाना बनाया जा रहा है जो अन्य विद्रोही समूहों के नियंत्रण में हैं।
उनका मानना है कि रूस की यह कार्रवाई कट्टरपंथ और 'आतंकवाद' को बढ़ावा देगी।
जमकर हवाई बमबारी
रूस का कहना है कि सीरिया में उसके हवाई हमलों से इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों ख़ासा नुकसान हुआ है।
एक रूसी सैन्य अधिकारी ने कहा कि उनकी कार्रवाई से आईएस लड़ाकों में 'भय और पलायन' का माहौल बन रहा है और 'क़रीब 600 लड़ाके यूरोप भागने की फ़िराक़ में हैं'।
कुछ पश्चिमी देशों ने कहा है कि रूस उन विद्रोहियों को भी निशाना बना रहा है जिनका संबंध आईएस से नहीं है. हालांकि रूस ने इस आरोप का खंडन किया है।
ऐसी रिपोर्टें हैं कि 30 सितंबर से शुरू हुए रूस की सैन्य कार्रवाई में बहुत से सीरियाई नागरिक मारे गए है।
'आईएस को मज़बूती'
शुक्रवार को अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि रूस की बमबारी उदारवादी विपक्ष को भूमिगत होने के लिए मजबूर कर रही है और इससे केवल आईएस को मज़बूत किया जा रहा है।
उन्होंने रूस के इस दावे को भी ख़ारिज कर दिया कि राष्ट्रपति असद के जितने भी हथियारबंद विरोधी हैं, वो सभी चरमपंथी हैं।
सीरिया में चार साल पहले सरकार के ख़िलाफ़ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन गृह युद्ध में तब्दील हो गए हैं।
अब तक असद सरकार, आईएस, सीरियाई विद्रोहियों और कुर्द सेनानियों के बीच गतिरोध को खत्म करने का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है।
इस गृह युद्ध में लगभग ढाई लाख सीरियाई मारे जा चुके हैं और 10 लाख लोग घायल है।
एक करोड़ 10 लाख से ज़्यादा लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए, जिनमें से बहुत से लोग ख़तरनाक यात्राएं करके यूरोप पहुंच रहे हैं।
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