कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Basant Panchami 2022 : बसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है जो बसंत के आगमन की तैयारी का प्रतीक है। यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर और पूर्वी हिस्सों खासकर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बिहार में इस दिन सरस्वती पूजा भव्य तरीके से की जाती है। लोग ज्ञान के साथ ज्ञान प्राप्त करने और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। बसंत पंचमी हिंदू महीने माघ के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी की शुुरुआत में आती है। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार शनिवार 5 फरवरी को मनाया जाएगा।
पीले रंग का विशेष महत्व होता
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती देवी की पूजा के साथ ही पीले रंग का विशेष महत्व होता है। लोग आमतौर पर पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और उसी रंग की मिठाई भी बनाते हैं। पीला रंग ऊर्जा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। यहां तक ​​कि देवी स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करती हैं। ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। यह त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश को क्रमशः ब्रह्मांड को बनाने, बनाए रखने और नष्ट करने (पुनर्जीवित करने) में मदद करती है। यह भी माना जाता है कि इसी दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए बसंत पंचमी को 'सरस्वती जयंती' के नाम से भी जाना जाता है।