पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।इस बार बसंत पंचमी दिनांक 5 फरवरी 2022, शनिवार को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी माघ शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन पूर्वाह्न व्यापिनी में मनाई जाती है यदि दो दिन पूर्वाह्न व्यापिनी या किसी भी दिन पूर्वाह्न व्यापिनी न हो तो बसंत पंचमी पहले ही दिन मनाई जाती है। 5 फरवरी 2022 शनिवार को पंचमी तिथि सूर्योदय से पूरे दिन रहेगी। इस दिन पंचक पूरे रात्रि रहेगी।इस दिन 24 वां नक्षत्र उत्तराभाद्रपद के अंतर्गत पूरे दिन सिद्ध योग भी रहेगा। इसमें पूजा-पाठ के पूर्ण शुभ फल की प्राप्ति होगी। इस दिन अबूझ स्वयंसिद्ध मुहूर्त एवं शुभ योग होने के कारण सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। पाप से मुक्ति विद्या, ज्ञान और ललित कलाओं में दक्षता प्राप्ति के लिए सरस्वती पूजन होता है।
पूजन विधि
इस दिन नैमित्तिक कार्य करके पूरे शरीर पर तेल से मालिश करें,स्नान के बाद आभूषण धारण कर पीले वस्त्र धारण करें। इस दिन सरस्वती पूजन के लिए एक दिन पूर्व नियम पूर्वक रहें फिर दूसरे दिन कलश की स्थापना करके गणेश,सूर्य,विष्णु तथा शंकर की पूजा करके बाद में देवी सरस्वती की पूजा करें। इस दिन ब्राह्मणों को पीले चावल पीले वस्त्र दान करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। मधु-माधव शब्द मधु से बने हैं और मधु का तात्पर्य है एक विशिष्ट रस जो जड़-चेतन को उन्मत्त करता है। वहीं जिस ऋतु से उस रास की उत्पत्ति होती है उसे बसंत ऋतु कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का महात्म्य बताया गया है तथा ज्ञान की देवी सरस्वती देवी के पूजन का विशेष विधान है।सरस्वती देवी के पश्चात शिशुओं को तिलक लगाकर अक्षर ज्ञान प्रारम्भ कराने की भी प्रथा है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दान देना चाहिए।