कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Bangladesh Violence: ढाका में लगातार प्रदर्शन और भड़क रही हिंसा के चलते सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हैं। कर्फ्यू के कारण जगह जगह पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने भीड़ के इकठ्ठा होकर किसी भी तरह की हिंसक गतिविधि होने पर तुरंत फायर करने और कड़ी कार्यवाई करने का निर्देश दिया है। कर्फ्यू रात 12 बजे से लगाया गया है। आम नागरिकों को जरूरत का सामान लेने के लिए दोपहर 12 से 2 बजे के बीच कर्फ्यू में छूट दी गई है। आपको बता दें कि देश में हिंसा के चलते इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है इसके साथ ही कुछ न्यूज चैनल भी बंद कर दिए गए हैं।
हिंसा के कारण कई लोगों की मौत
बांग्लादेश में भड़की हिंसा के काऱण कई लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पूरे देश को बंद करने की भी कोशिश की।ढाका में अमेरिकी दूतावास ने कहा ,हिंसा में मरने वालों की संख्या 100 के पार हो चुकी है और हजार से ज्यादा लोग घायल हैं।
हसीना सरकार के लिए चुनौती
बांग्लादेश में छात्रों का यह प्रदर्शन शेख हसीना की सरकार के लिए एक चुनौती है क्योंकि प्रदर्शन का मुख्य कारण सरकार की आरक्षण नीति है।छात्र काफी समय से प्रदर्शन कर रहे थे और अब उनका प्रदर्शन हिंसा में बदल गया है।आपको बता दें कि इस बार शेख हसीना ने लगातार चौथी बार बांग्लादेश में अपनी सरकार बनायी है और देश में हो रही ये हिंसा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
छात्रों की पुलिस के साथ झड़प
प्रदर्शन कर रहे छात्रों को जब पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो छात्र पुलिस से ही भिड़ गए। ढाका में भड़की ये हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। छात्रों की मांग है कि बांग्लादेश में 1971 के स्वतन्त्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाला 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म किया जाना चाहिए। छात्रों का आरोप है कि सरकार केवल अपने समर्थकों को ही आरक्षण दे रही है और सरकार ने जानबूझकर मेरिट सिस्टम को खत्म किया है।
आरक्षण को लेकर क्या बोलीं शेख हसीना
आरक्षण का बचाव करते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आरक्षण उन दिग्गजों के प्रति सम्मान है और दिग्गजों को सम्मान मिलना चाहिए। बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक का कहना कि सरकार छात्र नेताओं से उनकी मांगों को लेकर बात करने को तैयार है। इससे पहले 2018 में भी छात्रों के प्रदर्शन के कारण हसीना सरकार ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी लेकिन जून में बांग्लादेश हाइकोर्ट ने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले इस आरक्षण को फिर से बहाल कर दिया था। अब इस मुद्दे को लेकर फिर से हिंसा भड़क रही है। शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा है।
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