सिन्हा ने लिये ऐतिहासिक फैसले
राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने बताया, 'राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.' एक बयान में कानून मंत्रालय ने कहा कि 64 वर्षीय सिन्हा मौजूदा मुख्य न्यायाधीश मुजम्मल हुसैन से 17 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे. हुसैन 16 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे. जस्टिस सिन्हा को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारों, संविधान के पांचवें और 13वें संशोधन समेत कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाना जाता है. सिन्हा पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों के चल रहे मामलों के लिए एक अपीलीय जज भी हैं. जस्टिस सिन्हा को 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई जाएगी.

जस्टिस सिन्हा का सफर

अब अगर सिन्हा के शुरुआती करियर पर नजर डालें तो, उन्होंने LLB की डिग्री हासिल करने के बाद 1974 में सिलहट जिला अदालत में प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. यहां उन्होंने 1977 तक स्वतंत्र रूप से मामलों की अगुवाई की. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया और वकील के तौर पर नामांकन कराया. हाई कोर्ट के जज के तौर पर उनकी नियुक्ति 1999 में हुई और 2009 में अपीलीय पीठ के जज बने थे.

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