बहराइच (एएनआई)। Bahraich Bhediya Attack: उत्तर प्रदेश पुलिस और वन विभाग बहराइच जिले में 'ऑपरेशन भेड़िया' के तहत दो हत्यारे भेड़ियों की तलाश जारी रखे हुए हैं। वन विभाग ने इससे पहले 4 भेड़ियों को पकड़ा था। बताया जाता है कि भेड़ियों के झुंड ने क्षेत्र में ग्रामीणों पर कई हमले किए हैं। इस बीच सोमवार देर रात उसी क्षेत्र में एक और कथित भेड़िये के हमले में पांच वर्षीय बच्ची घायल हो गई। बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महासी भेजा गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्ची अपने घर में अपनी दादी के बगल में सो रही थी, तभी अचानक एक भेड़िये ने उस पर हमला कर दिया, हालांकि उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों की वजह से उसकी जान बच गई।

दादी के साथ बाहर सो रही थी बच्ची

बच्ची के पड़ोसी कलीम ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जैसे ही उन्होंने परिवार की चीखें सुनीं, वे तुरंत उसे बचाने के लिए गए और भेड़िये का पीछा किया, लेकिन भेड़िया गांव से भागने में कामयाब रहा। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार था जब उनके गांव में भेड़िया आया था। वहीं पीड़िता की दादी ने बताया कि बच्ची उसके घर में उसके बगल में सो रही थी और रात को अचानक भेड़िये ने उस पर हमला कर दिया। हमने उसे बचाने की कोशिश की। हमारे घर में दरवाजा नहीं है। उसकी मां रूबी ने कहा, "मैं घर के अंदर सो रही थी और वह अपनी दादी के साथ बाहर सो रही थी।

हमले में तीन साल की बच्ची की मौत

इस बीच, भेड़ियों के हमलों पर एडीजी जोन गोरखपुर डॉ. केएस प्रताप कुमार ने कहा, "एक स्पेशल प्लान के तहत वन विभाग एक कार्यक्रम लागू कर रहा है, जिसमें पुलिस विभाग भी सहयोग करेगा। पूरे इलाके को 7 टीमों में बांटा गया है। हर ग्राम पंचायत को एक पुलिस टीम भी दी गई है। निश्चित रूप से हम जल्द ही सफल होंगे। सोमवार को भेड़िये के एक और हमले में तीन साल की बच्ची की मौत हो गई और दो अन्य महिलाएं घायल हो गईं, जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया और उन्होंने प्रशासन पर अपने काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।

गांव में तलाशी अभियान चलाया जा रहा

डीएफओ बहराइच अजीत प्रताप सिंह फिलहाल मौके पर हैं और भेड़िये को पकड़ने के लिए थलिया गांव में तलाशी अभियान चला रहे हैं। मृतक बच्ची की मां ने एएनआई को बताया कि घटना सोमवार सुबह 03:35 बजे हुई। जब मेरी 6 महीने की बच्ची आधी रात को उठी तो मैंने देखा कि मेरी बेटी वहां नहीं थी। मेरी बच्ची के दोनों हाथ भेड़िये ने काट लिए हैं। हम दिनभर मजदूरी करके बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। हम उसके पीछे भागे लेकिन वह भाग गया। हम गरीब हैं इसलिए हम घर में दरवाजे नहीं लगवा पा रहे हैं।

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