कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। ज्येष्ठ मास को शुरू हुए एक सप्ताह हो गया है। पुराणों में जेष्ठ माह का अपना विशेष महत्व है। इस बार ज्येष्ठ मास में 5 बडे मंगलवार पड़ रहे हैं, जो दिनांक 17,24, 31 मई और 7, 14 जून को है। इस माह में पड़ने वाले हर मंगल की मान्यता अलग ही है। साथ ही इस बार की खास बात यह है, कि ज्येष्ठ महीने की शुरुआत भी मंगलवार से हुई है और इसका समापन भी मंगलवार के दिन ही हो रहा है।
हनुमान जी का आवाहन
आवाहन के लिए आवाहन मुद्रा दिखाकर मूर्ति के सामने निम्नलिखित मंत्र का जप करना चाहिए (दोनों हथेलियों को जोड़कर और दोनों अंगूठों को अंदर की ओर मोड़ने से आवाहन मुद्रा बनती है)।
मन्त्र
श्रीहनमतः प्राणा इह प्राणा हनुमतो जीव इह स्थितः
सर्वेन्द्रयाणि, वाङ्मनस्त्वक्चक्षुर्जिहाघ्राण पाणिपादपायूपस्थानि
हनुमत इागत्य सुखं चिरं तिष्ठन्तु स्वाहा।
श्रीराम चरणाभ्योनयुगलस्थिर मानसम्।
आवाहयामि वरदं हनुमन्तम् भीष्टदम्।। ||
ॐ श्री हनुमते नमः आवाहनं समर्पयामि ।।
हनुमान जी का ध्यान
ध्यान अपने सामने पहले से स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा के सामने करना चाहिए। हनुमान जी का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए।
मन्त्र
कर्णिकार सुवर्णाभं वर्णनीयं गुणोत्तमम्।
अर्णवोल्लडघ्नोद्युक्तं तूर्ण ध्यायामि मारुतिम् ।।
|| ॐ श्री हनुमते नमः ध्यानं समर्पयामि ॥