नई दिल्ली (पीटीआई)। राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की मंगलवार को सुनवाई शुरू हुई। इस मामले की सुनवाई कर रहे 5 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर भी शामिल हैं। इस बेंच ने 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के फार्मर जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में चार महीने पहले गठित हुई 3 सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया था।
Day-to-day hearing begins in the Supreme Court in Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case. pic.twitter.com/WtOdmrLFsn
— ANI (@ANI) August 6, 2019
6 अगस्त से इस मामले की नियमित सुनवाई के निर्देश दिए गए थे
हालांकि मध्यस्थता समिति भी इस विवाद का हल खोजने में विफल रही। इस दाैरान 6 अगस्त से इस मामले की नियमित सुनवाई का फैसला हुआ। बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 मार्च को इस मसले को हल करने के लिए मध्यस्थता समिति का गठन किया था। इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बातचीत करने को कहा गया था।
अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, विवाद सुलझाने में मध्यस्थता फेल अब 6 अगस्त से हर रोज होगी इस मामले में सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 अपीलें लंबित
समिति ने कहा था कि वह यूपी के फैजाबाद में अपनी कार्यवाही करेगी और आठ सप्ताह के भीतर इस प्रकि्या को पूरा करेगी। अयोध्या मामले में 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत के समक्ष 14 अपीलें लंबित हैं। इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा व राम लला के बीच अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि के बराबर विभाजन का आदेश दिया गया था।
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