4.5 हजार ऑटो राजधानी में
15 हजार से अधिक ई रिक्शा
2013 में तय हुआ था ऑटो का किराया
2 से 3 रुपए हर पैसेंजर से रहे ठग
- निर्धारित से कहीं अधिक किराया वसूल रहे ऑटो और ई रिक्शा चालक
- किराए की शिकायत करने के लिए पैसेंजर्स के पास नहीं है कोई प्लेटफार्म
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LUCKNOW: राजधानी में चल रहे अधिकतर ऑटो में पैसेंजर्स को चूना लगाया जा रहा है. शेयरिंग और अकेले चलने वाले सभी इसमें ठगे जा रहे हैं. यह सारा खेल इसलिए चल रहा है कि लोगों को तय किराए के बारे में जानकारी नहीं है और जो तय किराया है उसकी सूची भी अधिकतर ऑटो में नहीं लगी है. अगर किसी को वास्तविक किराया पता भी होता है और वह ऑटो ड्राइवर से इसकी शिकायत करता है तो भी कुछ नहीं होता है. पैसेंजर ऐसे में परेशान होकर अगर आरटीओ ऑफिस में इसकी शिकायत भी करना चाहता है तो उसे वहां के एकमात्र टोलफ्री नंबर पर ही शिकायत करनी होती है. इसके लिए अलग से कोई प्लेटफॉर्म नहीं है. वहीं आरटीओ के अधिकारियों का कहना है कि जब भी शिकायत मिलती है तो ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ एक्शन लिया जाता है.
2 से 3 रुपए ले रहे ज्यादा
राजधानी में करीब साढ़े चार हजार ऑटो और 15 हजार से अधिक ई रिक्शा चल रहे हैं. अधिकांश जगहों पर शेयरिंग ऑटो और ई रिक्शा में दो से तीन रुपए अधिक लिए जा रहे हैं. पैसेंजर्स के अनुसार शेयरिंग ऑटो में चारबाग से गोमती नगर थाने तक वाया सीएमएस प्रति व्यक्ति किराया 20 रुपए है जबकि ऑटो और ई रिक्शा चालक 22 रुपए तक लेते हैं. बाकी रूट पर भी इसी तरह का खेल चल रहा है.
पर किराया तो तय है
ऑटो में अकेले सफर करने वालों के लिए परिवहन विभाग ने मीटर फेयर तय कया है. पहली किमी के लिए 6.39 रुपए और इसके बाद प्रत्येक 500 मीटर के लिए 3.04 रुपए निर्धारित है. ऐसे में चारबाग से गोमती नगर तक 10 किमी के लिए 50 रुपए तक किराया लिया जाना चाहिए लेकिन ऑटो बुक कराने पर ऑटो चालक 200 रुपए तक वसूलते हैं. इसी तरह हनीमैन चौराहे तक के लिए 500 रुपए तक लेते हैं.
कोट
फरवरी 2013 में जो ऑटो किराया तय किया गया था, वही अभी चल रहा है. यदि कोई अधिक किराया लेता है और इसकी जानकारी मिलती है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाता है.
एके सिंह, आरटीओ
कोट
ऑटो चालकों पर लगाम लगाने के लिए आरटीओ के अधिकारियों को कदम उठाने चाहिए. मनमाना किराया वसूलने वालों का परमिट कम से कम तीन माह के लिए रद किया जाए.
अरविंद पाठक
मजबूरी में अधिक किराया देना होता है. परिवहन विभाग ऐसे ऑटो चालकों पर एक्शन नहीं लेता है. जबकि इसके लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाने की जरूरत है.
संजीव
ऑटो की संख्या कम होने के कारण ऑटो चालक मनमाना किराया वसूलते हैं. आरटीओ ऑफिस को समय-समय पर खुद इस बारे में जानकारी कर अभियान चलाना चाहिए.
शराफत
कोट
ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ एक्शन लिया जाना जरूरी है. कुछ ऑटो चालक ऐसा करते हैं और परेशानी सभी ऑटो ड्राइवरों को होती है.
पंकज दीक्षित, अध्यक्ष
लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन
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किराए पर एक नजर
कहां से कहां तक- तय किराया - ले रहे किराया
चारबाग से भूतनाथ- 20 - 22
चारबाग से महानगर -10- 12
चारबाग से नरही- 16- 18
चारबाग से साउथ सिटी- 18-20
चारबाग से फन मॉल- 14- 16
चारबाग से मुंशीपुलिया- 21 -23
चारबाग से कृष्णानगर-13 -15
चारबाग से कपूरथला 13-15
चारबाग से विपुलखंड-15-17
चारबाग से गोमती नगर थाना-20-22
चारबाग से हुसडि़या- 23-25