डिसीजन को बदलना पड़ा
सदन के स्पीकर ब्रॉनविन बिशप और सीनेट अध्यक्ष स्टीफन पेरी ने दो अक्टूबर को यह फैसला लिया था. लिबरल सांसद बरनार्डी ने संसद में बुरका पहनकर आई महिलाओं को अलग जगह पर बिठाने का अनुरोध किया था. बरनार्डी का कहना था कि बुरका जुल्म का प्रतीक है. यह गैर ऑस्ट्रेलियाई है. इसके साथ ही सुरक्षा कारणों से वह इस पर बैन लगवाना चाहते हैं. इससे पहले संसदीय मामलों के विभाग ने घोषणा की थी कि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव या सीनेट की खुली पब्लिक गैलरी में चेहरा ढक कर आने वालों को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
शीशे के कक्ष में बैठाना था
सदन के स्पीकर ने पहले जो आदेश दिया था. उसके अनुसार संसद की सभी बुर्कानशीं महिलाओं को स्कूली बच्चों के लिए रिजर्व गैलरी के बगल में साउंडप्रूफ शीशे के बने कक्ष में बिठाने की योजना थी. बहरहाल, संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसदीय सेवा विभाग ने एक बयान में कहा है कि बुर्का पहनकर आने वालों को संसद भवन की सभी लोक दीर्घाओं में बैठने की अनुमति होगी.
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