तस्‍वीरों में देखिए भारत का यह इंटरनेशनल शहर,यहां न पैसा है न कोई सरकार
इस जगह का नाम आरोविले है। इसकी स्थापना साल 1968 में मिरा अलफासा ने की थी और इसे सिटी ऑफ डॉन यानी भोर का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को बसाने का सिर्फ एक मकसद था कि यहां सभी इंसान जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव से दूर रहें। यहां केवल वहीं इंसान रह सकता है जो सेवक बन सके।

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इस शहर में कुल 2,487 लोग रहते हैं जिसमें कि 1048 भारतीय हैं जबकि बाकी विदेशी हैं। यहां तकरीबन 50 देशों से लोग आकर बसे हैं।

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यहां पर किसी तरह की करेंसी नहीं चलती। लोग कुछ भी सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं।

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यहां पर एक मंदिर है जिसका नाम Matrimandir है। हालांकि इसमें कोई भगवान नहीं है बल्िक लोग यहां आकर योग वगैरह एक्सरसाइज करते हैं।

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समुद्र के नजदीक होने से यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है। इस शहर में किसी तरह की भागदौड़ नहीं है अगर आप शांति से अपना जीवन बिताना चाहते हैं तो यहां आकर रह सकते हैं।

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