Lucknow: भारतीय सेनाओं के शौर्य को जल, थल और नभ में प्रदर्शित करने का अंतरराष्ट्रीय मंच देने वाला डिफेंस एक्सपो 2020 अपनी स्वर्णिम यादें छोड़कर शनिवार को विदा हो गया। रक्षा के क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य और दुनियाभर में फैले डिफेंस उपकरणों के बाजार को शोकेस करने वाले इस आयोजन की सफलता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 12 लाख लोगों ने इसके दीदार किए। एक्सपो के समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बीते चार दिन में देश और दुनिया ने एक नया भारत देखा है। यह रक्षा क्षेत्र में समृद्ध, सशक्त और समर्थ भारत है। डिफेंस एक्सपो का यह ग्यारहवां संस्करण शंखनाद था कि आने वाले समय का भारत कैसा होगा. साथ ही यह संकेत दे गया कि भविष्य में हमारा देश डिफेंस मैन्युफैक्चर का सशक्त केंद्र बनेगा।
रविवार को फ्री प्रवेश
हांलाकि राजनाथ सिंह के भाषण के बाद डिफेंस एक्सपो का आधिकारिक रूप से समापन हो गया लेकिन रविवार को इसका विशेष प्रदर्शन जारी रहेगा और लोग इसका आनंद ले सकेंगे। इस दिन दर्शकों की एंट्री निशुल्क होगी। हांलाकि आईडी कार्ड साथ ले जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही रविवार को वृंदावन सेक्टर-15 में एयरफोर्स व आर्मी की ओर से लाइव डिमॉन्सट्रेशन भी होगा। यह दोपहर 12 बजे से 12.45 बजे तक चलेगा। इस अवसर पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के अब तक के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो की अभूतपूर्व सफलता से मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह एक्सपो सिर्फ उप्र नहीं, बल्कि रक्षा क्षेत्र के प्रति देश की आशा, आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह प्रदर्शनी देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ रक्षा उपकरणों का निर्यातक भी बनाएगा। आयोजन की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने डिफेंस एक्सपो के बैनर तले पहली बार आयोजित इंडिया-अफ्रीका डिफेंस मिनिस्टर्स कॉन्कलेव का भी जिक्र किया।
लखनऊ घोषणापत्र का जिक्र
इंडिया-अफ्रीका डिफेंस मिनिस्टर्स कॉनक्लेव में अंगीकार किए गए लखनऊ घोषणापत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीकी देश रक्षा उत्पादन के साथ समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग देने, आतंकवाद के खतरों से निपटने के लिए इंटेलीजेंस व निगरानी साझा करने के लिए सहमत हुए हैं। आयोजन में डेढ़ सौ से ज्यादा विदेशी कंपनियों, तीन हजार से ज्यादा विदेशी प्रतिनिधियों और रक्षा विशेषज्ञों की आमद ने इसे अंतरराष्ट्रीय शोहरत दिलाई है। डिफेंस एक्सपो दुनिया के सामने आने वाली सामरिक चुनौतियों और खतरों से निपटने का साझा मंच हो गया है।
एक्सपो की उपलब्धियां
इस एक्सपो की उपल्बधियों को देखा जाए तो इन्हें इस तरह देखा जा सकता है।
- - 70 देशों की रही भागीदारी
- - 40 रक्षा मंत्री आए
- - 1028 कंपनियां हुईं शामिल
- - इनमें 172 विदेशी कंपनियां
- - 3000 से ज्यादा विदेशी प्रतिनिधि
- - 200 से ज्यादा अनुबंध (एमओयू)
- - 18 टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
- - रक्षा क्षेत्र से जुड़े 13 प्रोडकट हुए लांच
- - छह प्रमुख घोषणाएं हुईं
- - डिफेंस से जुड़े विषयों पर 22 सेमिनार
- - सेनाओं के शौर्य का प्रदर्शन (लाइव डेमो)
- - लखनऊ को मिली वैश्विक पहचान, 12 लाख लोगों ने दर्ज कराई आमद
- - 55 लाख से ज्यादा लोगों ने सोशल मीडिया पर देखा
हौसले को किया सलाम
अदम्य साहस और अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन करने वाले तीनों सेनाओं के जांबाज सैनिकों के हौसलों को सलाम करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक्सपो ने देश की जनता को सेनाओं की शक्ति और पराक्रम का अहसास कराया हैै। सूरज और चंद्रमा भी हमारे सैनिकों के शौर्य के साक्षी बने।
यूपी और लखनऊ की तारीफ
डिफेंस एकसपो के सफलतम आयोजन के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को साधुवाद दिया। यह भी कहा कि इस आयोजन ने साबित कर दिया है कि उप्र अद्भुत क्षमता और अपार संभावनाओं का प्रदेश है। डिफेंस एक्सपो ने लखनऊ को वैश्विक पहचान दिलाई हैै।
अब यूपी की क्षमता पर सवाल नहीं उठें : योगी
डिफेंस एक्सपो के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके भव्य आयोजन ने उप्र के बारे में देश और दुनिया की धारणा बदली है। बीते ढाई वर्षों के दौरान हमने डिफेंस एक्सपो समेत विभिन्न आयोजनों को जिस तरह से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, उससे उप्र की क्षमता पर अब तो किसी को भी प्रश्न नहीं खड़े करने चाहिए। डिफेंस एक्सपो को रक्षा क्षेत्र का महाकुंभ बताया और कहा कि इस आयोजन ने प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर को एक मजबूत आधार उपलब्ध कराया है। उप्र का डिफेंस कॉरिडोर देश में रक्षा उत्पादन का सशक्त हब बनने में कामयाब होगा। योगी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो की स्वर्णिय यादें हम सबके जेहन में हमेशा ताजा रहेंगी। यह देश की सेनाओं के शौर्य व पराक्रम को अपनी आंखों से देखने का दुर्लभ अवसर था। जब रक्षा मंत्री ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो को अद्वितीय और अविस्मरणीय तरीके से आयोजित करने की पेशकश की थी तो हमारे सामने यह एक चुनौती थी और अवसर भी। हमारी इच्छा थी कि हम डिफेंस एक्सपो के जरिये नई ऊंचाइयों को छुएं जो उप्र की क्षमता के अनुरूप हो। हमारी टीम ने अथक परिश्रम कर इसे अब तक का सफलतम डिफेंस एक्सपो बनाया। वहीं यह अवसर था रक्षा क्षेत्र में निवेश जुटाने का। रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए उप्र सरकार ने एक्सपो के दौरान 23 अनुबंध (एमओयू) किए, जिनसे 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश और ढाई से तीन लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। अर्थशास्त्र का नियम है कि पैसा लगाओ और उससे और पैसा कमाओ। हमने डिफेंस एक्सपो के आयोजन में जो रकम लगाई, उसे टैक्स के रूप में वसूलने में भी कामयाब रहे। समापन समारोह में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव आरके तिवारी, रक्षा सचिव डॉ.अजय कुमार, रक्षा मंत्रालय व शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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