हमले की थी आशंका, सुरक्षा अधिकारियों ने किया था दौरा
माना जाता है कि भारत सरकार को अपने जलालाबाद वाणिज्य दूतावास समेत अपने दूतावासों पर हमले की आशंका थी और इसीलिए पिछले हफ्ते सुरक्षा अधिकारियों ने काबुल का दौरा किया था. खास बात यह है कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने अलकायदा के संभावित हमलों के मद्देनजर न केवल अलर्ट जारी किया है, बल्कि मध्य-पूर्व के अपने कुछ दूतावासों को रविवार के दिन बंद रखने की घोषणा की है. जर्मनी और ब्रिटेन ने भी खतरे को देखते हुए यमन स्थित अपने दूतावासों को रविवार और सोमवार को बंद रखने का एलान किया है. सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य दूतावास के पास स्थित चेक पोस्ट पर विस्फोट हुआ. हमले के वक्त बहुत से लोग वीजा आवेदन के लिए कतार में खड़े थे. धमाके से वाणिज्य दूतावास को खास नुकसान नहीं पहुंचा है.
हमला भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाकर
नांगरहार प्रांत के पुलिस प्रमुख मुहम्मद शरीफ अमीन ने बताया, हमला भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाकर किया गया, लेकिन पास की मस्जिद में पढऩे वाले बच्चे की इसकी चपेट में आ गए. उन्होंने आठ बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की है. जलालाबाद अस्पताल के निदेशक डॉ. हुमायूं जहीर ने बताया, घटनास्थल से नौ शव मिले हैं. 22 अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. विस्फोटस्थल के पास ही पाकिस्तान का वाणिज्य दूतावास भी है, लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा. विस्फोट के बाद वाणिज्य दूतावास के प्रवेश द्वार पर जमकर गोलीबारी भी हुई. करीब एक घंटे तक गोलियां चलने की आवाज सुनाई देती रहीं. अफगान अधिकारियों के मुताबिक एक हमलावर विस्फोटकों से लदी कार के धमाके में मारा गया जबकि बाकी दो को सुरक्षाबलों ने मार गिराया.
सभी भारतीय अधिकारी सुरक्षित
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर कहा, ‘जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विस्फोट हुआ है. सभी भारतीय अधिकारी सुरक्षित हैं.’ तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इन्कार किया है. हमले के पीछे आइएसआइ समर्थित हक्कानी नेटवर्क पर संदेह जताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों में भी हक्कानी नेटवर्क द्वारा हमले की साजिश रचने की बात पहले से सामने आ रही थी. हक्कानी नेटवर्क 2008 और 2009 में भी काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमला कर चुका है.
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