नई दिल्ली (पीटीआई)। एम्स द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, बेहतरीन प्रयासों के बावजूद हमने उन्हें शाम 5.05 बजे खो दिया। पिछले 36 घंटों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। उपचार के लिए उन्हें 11 जून, 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले 9 सप्ताह से उनकी सेहत स्थिर बनी हुई थी।
राजनीतिक विरोधी भी करते थे तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत का न्यूक्लीयर वेपन पावर बनाने के लिए परमाणु परीक्षण का आदेश दिया था। उन्होंने बस से पाकिस्तान जाकर अपनी कूटनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया था। कवि हृदय राजनीतिज्ञ वाजपेयी वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी के सबसे लोकप्रिय नेता थे। वे 93 वर्ष के थे। लेकिन उन्हें मोदी के ध्रुविकरण की राजनीति के विपरीत हिंदू राष्ट्रवाद का उदार चेहरा माना जाता था। यही वजह है कि राजनीति विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे।
अचानक से तबियत ज्यादा बिगड़ी
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (93) की कल अचानक से तबियत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। सीनियर डाॅक्टरों की एक टीम उनकी देखरेख में लगी है। इसके अलावा अटल जी के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए पूरे देश से दुआ के लिए हाथ उठ रहे हैं। वहीं एम्स में उनके हाल-चाल लेने के लिए राजनेताओं की लाइन लगी है। बीते 24 घंटे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोबारा एम्स गए और करीब 45 मिनट तक वहां रुके। पीएम नरेंद्र मोदी अटल जी के स्वास्थ्य की जानकारी लगातार ले रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री पिछले दो माह से एम्स में भर्ती
अमित शाह भी आज दोबारा गए हैं। इसके अलावा अटल जी का हालचाल लेने के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी एम्स पहुंचे हैं। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री पिछले दो माह से एम्स में भर्ती हैं। उन्हें लंबे समय से सांस लेने में परेशानी थी। इसके अलावा यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज जनता के बीच अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। पहली बार अटल बिहारी 1996 में और दूसरी बार 1998 में प्रधानमंत्री बने।
पत्रकार के रूप में शुरू किया था अटल ने सफर
इसके बाद वह तीसरी बार 1999 को वह पीएम बने और 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 में ग्वालियर में हुआ था। एक शिक्षक परिवार में पैदा हुए अटल बिहारी जनता के बीच प्रसिद्ध अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। राजनीतिक विज्ञान और कानून के छात्र रहे अटल बिहारी जी ने एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। वहीं भारतीय राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के साथ ही 1942 में कदम रखा था। इसके बाद वह इस दिशा में तेजी से बढ़े।
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