नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ हाई लेवल मीटिंग की। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने और अधिक युवाओं, स्टार्टअप और रणनीतिक समुदाय की भागीदारी से संबंधित पहलुओं पर भी चर्चा हुई। जम्मू वायु सेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार को दो विस्फोटों की सूचना मिलने के बाद यह बैठक हुई है। हमलावरों ने जम्मू एयरबेस पर रविवार को विस्फोटक गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया और फिर अपने क्वाडकॉप्टर्स को उस इलाके से बाहर निकाला।
सोमवार को भी कई ड्रोन दिखाई दिए
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने कहा कि एक विस्फोट में एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में विस्फोट हुआ। संभवत: इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का उपयोग करके किए गए हमले से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और ड्यूटी पर तैनात दो कर्मियों को मामूली चोटें आईं। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को देश में इस तरह के पहले आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी। सोमवार को भी कई ड्रोन दिखाई दिए।
यूएन में ड्रोन के इस्तेमाल का मुद्दा उठा
वहीं भारत ने जम्मू में हमले के बाद सोमवार को यूएन में आतंकियों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया। गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने कहा कि आज आतंकवाद के प्रचार और कैडर की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। कम लागत वाला विकल्प और आसानी से उपलब्ध होने की वजह से आतंकी अब ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये अब दुनिया भर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा खतरा और चुनौती बन गए हैं।
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