जिंदगी है तो चिंताओं का होना तो आम बात है, लेकिन हमें कोशिश करनी चाहिए कि इन चिंताओं को अपने ऊपर कम से कम हावी होने दें। लगातार चिंता और दुख से घिरे रहने के कारण हमारी जिंदा रहने की इच्छाशक्ित खुद ब खुद खत्म होने लगती है।
लोगों से आपने सुना है कि खूबसूरत त्वचा के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के पीछे सिर्फ यही एक तर्क नहीं है, पानी खूब पीने से शरीर कई रोगों से बचा रहता है। पानी लगातार कम पीने से गुर्दे, मस्ितष्क और पाचन तंत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
हमेशा पुराने दुखों में डूबे रहना भी आपको बीमार बना सकता है। ऐसे में जरूरत है कि भविष्य की ओर देखें और जरूरी है कि हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। ऐसा करने से यकीनन आपकी उम्र में इजाफा होता है।
अक्सर लोग कहते हैं कि खूब खाओ और मस्त रहो। ऐसा नहीं है। अच्छी और परफेक्ट जिंदगी पाने के लिए जरूरी है कि जितनी भूख लगी हो, हम हमेशा उससे कम ही खाएं। ऐसे में खाने को भी पेट में प्रॉपर जगह मिलती है। वो अति की सीमा तक नहीं पहुंचता और आपकी डाइट को बैलेंस रखकर आपको फिट रखता है।
आप भी अगर गुटखा, शराब, सिगरेट, गांजा, चिलम जैसी चीजों के आदी हैं और ये समझते हैं कि इनकी मदद लेकर आप टेंशन फ्री हो जाते हैं, तो आपका सोचना बिल्कुल गलत है। बल्कि इनका इस्तेमाल करके आप खुद को दिन पर दिन मार रहे हैं और मौत के करीब ले जा रहे हैं।
उम्र बढ़ाने और हमेशा फिट एंड फाइन रहने के लिए अगर आपका खुद पॉजिटिव सोचना जरूरी है तो ये भी जरूरी है कि आप निगेटिविटी से दूर रहें। ऐसे में जो लोग निगेटिव सोच रखते हों, कोशिश भर उनके साथ कम से कम रहें। उनके साथ ज्यादा रहने से आपकी सोच भी असर पड़ेगा। आप भी धीरे-धीरे वैसा ही सोचने लगेंगे।
आप भी अगर ये सोचते हैं कि ज्यादा से ज्यादा टीवी और इंटरनेट का इस्तेमाल करने से हम डेली अपडेट रहते हैं और ये हमारे लिए अच्छा है, तो आप गलत सोचते हैं। ऐसा नहीं है। कई रिसर्च में ये सामने आ चुका है कि ज्यादा टीवी या इंटरनेट देखने से लोगों की आंखों, मैमोरी, कमर और पाचन क्रिया के साथ-साथ हृदय पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में अगर आपको अपनी जिंदगी परफेक्टली जीनी है तो इनका इस्तेमाल भी कम से कम करें।
आजकल की लाइफ स्टाइल ऐसी है कि कई लोगों का तो पूरा दिन ही कुर्सी पर बैठे-बैठे बीत जाता है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ये सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। ऐसा करने से आप भी हृदय, कमर, घुटनों, गुर्दों और जोड़ों की बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में हर एक घंटे के डिफ्रेंस में करीब 2-2 मिनट तो जरूर चलना चाहिए।
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