खाता भी नहीं खोल पाए
बांग्लादेश ने इससे पहले 2012 एशिया कप के फाइनल में प्रवेश किया था, जहां उसे पाकिस्तान के हाथों शिकस्त मिली थी। भारत 3 मैचों से 6 अंकों के साथ पहले ही फाइनल में प्रवेश कर चुका था। बांग्लादेश ने 4 मैचों में 6 अंकों के साथ खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। श्रीलंका और पाकिस्तान के 3-3 मैचों से मात्र 2-2 अंक है जबकि यूएई तीन मैचों के बाद खाता भी नहीं खोल पाया है। बांग्लादेश को अंतिम दो अोवरों में जीत के लिए 18 रन चाहिए थे, जबकि उसके 5 विकेट शेष थे। मोहम्मद सामी द्वारा डाला गया 19वां अोवर मेजबान टीम के लाभदायक साबित रहा। सामी ने इसमें दो नोबॉल डाली और कुल 15 रन दिए। अंतिम ओवर में बांग्लादेश को जीत के लिए 3 रन चाहिए थे और अनवर की पहली गेंद पर महमदुल्लाह ने विजयी चौका लगा दिया। महमदुल्लाह 22 और कप्तान मशरफे मुर्तजा 17 रन बनाकर नाबाद रहे। आमिर ने 26 रनों पर 2 विकेट लिए।
एलबीडब्ल्यू आउट दिया
इसके पूर्व लक्ष्य का पीछा कर रहे बांग्लादेश को मोहम्मद इरफान ने पहला झटका दिया जब उन्होंने तमीम इकबाल (7) को एलबीडब्ल्यू किया। शब्बीर रहमान (14) को अफरीदी ने बोल्ड किया। सौम्या सरकार जबर्दस्त पारी खेल रहे थे, लेकिन मो. आमिर ने खूबसूरत यॉर्कर पर उनकी पारी का अंत किया। सरकार ने 48 गेंदों में 5 चौकों व 1 छक्के की मदद से 48 रन बनाए। मुश्फिकुर रहीम रिवर्स स्वीप करने में मलिक के शिकार बने। आमिर ने शकीब अल हसन (8) के डंडे बिखेरकर पाकिस्तान को मैच में लौटा दिया। पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। अल अमीन ने दूसरे ही अोवर में खुर्रम मंजूद (1) को विकेटकीपर मुश्फिकुर के हाथों झिलवाया। स्पिनर अराफात सनी ने शार्जिल खान (10) की गिल्लियां बिखेरी। मोहम्मद हफीज ((2) दुर्भाग्यशाली रहे कि अंपायर ने उन्हें मशरफे मुर्तजा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दिया जबकि गेंद स्टंप्स के उपर से निकल रही थी।
आसान कैच थमाया
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