अबू धाबी (एएनआई)। सीएनएन ने गनी के हवाले से बुधवार को कहा कि अशरफ गनी सीरिया तथा यमन की तरह काबुल में रक्तपात नहीं चाहते थे। यही वजह रही कि उन्होंने काबुल छोड़ने का निर्णय लिया। उनका कहना था कि वे अफगानिस्तान में बतौर राष्ट्रपति रुके रहते तो लोगों को लटका दिया जाता। यह हमारे इतिहास के लिए बहुत दर्दनाक होता। उन्होंने कहा कि वे सम्मानजनक मौत से नहीं डरते। उन्हें देश का अपमान भी मंजूर नहीं। फिर भी उन्हें देश छोड़ना पड़ा।
نن شپه د کابل په وخت نهه نیمې بجې په هېواد کې د وروستيو تحولاتو په اړه ملت ته وينا لرم
در مورد تحولات اخیر در کشور، امشب ساعت ۹:۳۰ بجه به وقت کابل به ملت عزیزم طی پیام ویدیویی صحبت خواهم داشت https://t.co/UHagUGwtXC— Ashraf Ghani (@ashrafghani) August 18, 2021
अबू धाबी ने अशरफ गनी को शरण देने की पुष्टि की
सीएनएन ने उनके हवाले से कहा है कि अशरफ गनी को अफगानिस्तान में बर्बादी तथा रक्तपात रोकने के लिए देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद वे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। अबु धाबी ने बुधवार को इसकी पुष्टि कर दी है। यूएई के विदेश मंत्रालय तथा अंतरराष्ट्रीय कोऑपरेशन ने अशरफ गनी को शरण देने की पुष्टि की। मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि उनके देश ने मानवता के नाते राष्ट्रपति अशरफ गनी तथा उनके परिवार का देश में स्वागत किया है।
चार कारों में कैश भरकर ले गए अशरफ गनी
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान रविवार को घुसा तो अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। हालांकि काबुल में रूसी दूतावास ने कहा कि गनी ने चार कारों तथा कैश से भरे एक हेलीकाॅप्टर के साथ काबुल को छोड़ दिया। स्पुतनिक ने रूसी डिप्लोमैटिक मिशन के प्रवक्ता निकिता इशेनको के हवाले से सोमवार को कहा था कि अफगान सरकार के गिरते ही राष्ट्रपति ने अजीबोगरीब हालात में देश छोड़ दिया। वे चार कारों में कैश भरकर निकले। हेलीकाॅप्टर में कैश से भरे बैग नहीं फिट हो सके तो कुछ कैश भरे बैग उन्हें रनवे पर ही छोड़ना पड़ा।
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