कानपुर। ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड एशेज सीरीज का इतिहास काफी पुराना है। पहली एशेज सीरीज 1882 में खेली गई थी तब से लेकर अब तक 70 एशेज सीरीज खेली जा चुकी हैं। इस दौरान कई रोचक मैच खेले गए, ऐसा ही एक इंट्रेस्टिंग मैच हुआ था 1888 में। उस वक्त इस राइवलरी को शुरु हुए ज्यादा वक्त भी नहीं बीता था। ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट मैच की सीरीज रखी गई और इंग्लैंड को यहां आकर खेलना था। हैरानी तो तब हुई जब इंग्लैंड से दो टीमें ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुईं और दोनों ही ये मैच खेलना चाहती थी।
इंग्लैंड से गईं दो टीमें खेलने
इसमें पहली टीम थी लाॅर्ड हाॅक की कप्तानी वाली, जिसे मेलबर्न क्रिकेट क्लब ने अफिशयल इनवाइट किया था। जबकि दूसरी टीम ऑर्गेनाइजर की थी। इस टीम की कमान अब्रे स्मिथ के हाथों में थी। ये दोनों ग्रुप एक ही नाव में सवार होकर गए थे मगर अलग-अलग समय पर। दोनों टीमें जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो मेजबान परेशान हो गए कि किसके साथ मैच खेले। अंत में इंग्लैंड की दोनों टीमों को मिलाकर प्लेइंग इलेवन बनाई गई जिनका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से सिडनी के मैदान में हुआ।
बनाई गई संयुक्त टीम
इंग्लैंड की संयुक्त टीम की कमान वाॅल्टर रेड के हाथों में सौंपी गई। ऑस्ट्रेलिया ने टाॅस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी का न्यौता दिया। हालांकि ओपनर श्रेयसबुरी को छोड़ कोई भी बल्लेबाज पिच पर ज्यादा देर टिक नहीं सका। टीम के सात बल्लेबाज तो दहाई का अंक भी नहीं छू पाए। इसी के साथ इंग्लैंड की पहली पारी 113 रन पर सिमट गई। कंगारु टीम को लगा कि उन्होंने मेहमानों को सस्ते में आउट कर दिया है ऐसे में वो पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा कर इंग्लैंड पर दबाव बना लेंगे, मगर ऑस्ट्रेलिया की हालत को इंग्लैंड से भी खराब रही। पूरी कंगारू टीम फर्स्ट इनिंग में 42 रन पर सिमट गई।
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इंग्लैंड ने 126 रन से जीता मैच
दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 137 रन बनाए। अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 209 रन बनाने थे। उस वक्त यह लक्ष्य काफी मुश्किल था, इसे और टफ बना दिया इंग्लिश गेंदबाजों ने। इंग्लैंड ने कंगारुओं की दूसरी पारी 82 रन पर समेट दी। चार बल्लेबाजों को छोड़ कोई भी बैट्समैन दहाई के अंक तक नहीं पहुंच सका। इसी के साथ इंग्लैंड ने ये मैच 126 रन से जीत लिया।
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