-मोबाइल पर ऐप पर शिकायत करते ही पीडब्ल्यूडी सुधारेगा सड़क की हालत

-विभागीय कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए विभाग ने शुरू किया दो मोबाइल ऐप और दो सॉफ्टवेयर

अगर आप अपने क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों से परेशान हैं, शिकायत के बाद भी समस्या का हल नहीं निकलता है तो यह खबर आपके लिए है. अब आपकी प्रॉब्लम दूर करेगा मोबाइल ऐप. अन्य विभागों की तरह पीडब्ल्यूडी भी स्मार्ट हो गया है. उसने मोबाइल ऐप की शुरूआत की है. इसके जरिए डिपार्टमेंट से जुड़ी सड़कों और महकमे के कार्यो की निगरानी की जाएगी. ऐप के माध्यम से जहां आम व्यक्ति खराब सड़कों की फोटो भेजकर सड़क दुरुस्त कराएगा, वहीं सिटी के सड़कों के प्रस्ताव भी ऐप के जरिए भेजे जाएंगे. इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है.

ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने व विभागीय कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने दो नए सॉफ्टवेयर चाणक्य व विश्वकर्मा तैयार किया है. इसके साथ ही दो मोबाइल ऐप ब्रिज इंस्पेक्शन और निगरानी तैयार किया है. चाणक्य पर नए कार्यो के प्रस्ताव भेजने की शुरूआत हो गई है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए विभागीय ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन, बिलिंग और पेमेंट किया जाएगा. जबकि विश्वकर्मा सॉफ्वेयर विभाग में काम का बंटवारा, बजट की मांग, उसका अनुमोदन और आवंटन का कार्य करेगा. वहीं निगरानी ऐप पीडब्ल्यूडी के निर्माण कार्यो की निगरानी के लिए बनाया गया है. इसे दोनों सॉफ्टवेयर से लिंक भी किया गया है. सॉफ्टवेयर में विभाग ने डाटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है. जबकि निगरानी ऐप पिछले सप्ताह शुरू कर दिया गया है.

निगरानी से होगा फायदा

निगरानी ऐप के माध्यम से पब्लिक पीडब्ल्यूडी के किसी भी कार्य की गुणवत्ता, सड़क पर बने गढ्डों आदि की फोटो लेकर विभाग को भेज सकेगी. फोटो भेजते वक्त यह ध्यान देना होगा कि जहां की फोटो अपलोड हो रही है, वहां मील का पत्थर या लैंड मार्क हो. जिससे संबधित रोड की पहचान आसानी से की जा सके.

कर सकते हैं शिकायत

ऐप का संचालन लखनऊ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से होगा. इस पर शिकायत मिलते ही शिकायत वाले एरिया के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को जानकारी देकर समाधान कराया जाएगा. पब्लिक इन अफसरों से सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है. इसी तरह ब्रिज इंस्पेक्शन ऐप की भी शुरूआत की गई है. इसमें छह मीटर से लेकर उससे अधिक लंबाई-चौड़ाई वाली पुलिया, ब्रिज, और फ्लाईओवर के निरीक्षण की रिपोर्ट फोटो के साथ भेजनी होगी.

कम होगा काम का दबाव

अभी तक पीडब्ल्यूडी में सभी काम कागजों पर होते हैं. ऐसे में कई बार निर्माण, बिलिंग, पेमेंट समेत कई जरूरी काम फाइलों के जाल में उलझ जाते हैं. कई बार पुरानी फाइलें खराब भी हो जाती हैं. इससे रिकॉर्ड खोजने में कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. विभागीय अफसरों के मुताबिक चाणक्य और विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर से वर्क प्रेशर कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी. ठेकेदारों की बिलिंग और पेमेंट स्टेटस एक क्लिक पर देखा जा सकेगा. समयबद्ध काम होंगे साथ ही डिवीजनवाइज कार्यो का बंटवारा करने में भी सहूलियत होगी. इससे कागजी कार्यवाही से न सिर्फ कमी आएगी, बल्कि कार्यो की रिपोर्ट या निरीक्षण को लेकर किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी.

ये शिकायतें होंगी दूर

- सड़कों पे बने गढ्डे

- सड़कों का असमतल होना

- गुणवत्ता की कमी

- ठेकेदारों की गड़बड़ कार्यप्रणाली

- समय से पहले रोड का खराब होना

- रोड निर्माण में देरी होना

फैक्ट फाइल

05

डिवीजन हैं पीडब्ल्यूडी के

40

से अधिक सड़कें हैं शहर में पीडब्ल्यूडी की

20

साल तक सड़कों की लाइफ

2

सॉफ्टवेयर हुए तैयार

2

मोबाइल ऐप

50

शिकायतें औसतन पहुंचती हैं महीने में विभाग के पास

डिजिटल इंडिया के युग में सभी साफ्टवेयर और मोबाइल ऐप ई-ऑफिस सिस्टम के तहत विभाग को पेपरलेस करने की दिशा में प्रभावी कदम है. इससे किसी भी काम को लेकर बहानेबाजी नहीं चलेगी.

ज्ञान प्रकार पांडेय, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी