प्रयागराज (एएनआई) । चंबल बेतवा केन से यमुना नदी में और उत्तराखंड से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की आशंका जताई गई है। इस कारण से दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स ने प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य शुरू कर दिया है। यह फोर्स राहत सामग्री उपलब्ध करा रही है और प्रभावित लोगों को रीलोकेट भी कर रही है।

प्रभावित लोग नहीं थे तैयार
शुक्रवार रात अचानक घरों में पानी घुसने लगा। लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। प्रभावित लोगों ने बताया कि हमें नहीं पता था कि अचानक पानी हमारे घरों में घुस जाएगा, हमें यह भी नहीं पता कि कहां जाना है, लेकिन बचाव दल हमारी मदद कर रहा है। शुक्रवार को भी दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई निचले इलाके पानी में डूब गए। बता दें एक सप्ताह पहले प्रयागराज में संगम घाट भी बढ़ते जलस्तर के बीच पानी में डूब गया था, जिसके बाद प्रशासन को घाटों पर जाने वाले लोगों पर पाबंदी लगानी पड़ी थी।

एनडीआरएफ अधिकारी का बयान
एनडीआरएफ के अधिकारी बृजेश कुमार तिवारी ने कहा कि आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। ब्रजेश कुमार तिवारी ने बताया कि जैसे ही हमें खबर मिली, हम अपनी बचाव नाओं के साथ यहां आए, हमने उनमें से कई को बचाया है, लगभग 10-12 और लोग हैं, और हम उन्हें भी जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देंगे। पानी खतरे के निशान से ऊपर चला गया है साथ ही आने वाले दिनों में और भी वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने विशेष व्यवस्था के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने यमुना और बेतवा नदियों के किनारे जिलों में तैनात अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है, क्योंकि बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। यूपी के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उन जिलों में विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया, जिनके प्रभावित होने की आशंका ज्यादा है। उन्होंने स्थिति का मुआयना किया और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) तथा स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) को सतर्क रहने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों से जानवरों पर भी विशेष ध्यान देने को कहा है कि, उन्हें पर्याप्त चारे के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।

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