वैसे भी अरविंद केजरीवाल के लिए 14 फरवरी एक खास तारीख है और अबकी बार पांच साल के लिए अपनी लाइफ में सेलिब्रेशन की वजह बना देंगे केजरीवाल. पिछली बार 14 फरवरी ही वो दिन था जब केजरी का दिल टूट गया था और उन्होंने 49 दिन तक सरकार चलाने का स्ट्रगल करने के बाद इस्तीफा दे दिया था. बेशक महीना दिसंबर का था लेकिन तारीख 14 ही थी यानि 14 दिसंबर 2002 में जब उन्होंने अपनी संस्था परिवर्तन के लिए एक जन सुनवाई इवेंट ऑग्रेनाइज किया था जिसमें जनता ने अपनी लोकेलटी में विकास योजनाओं को लेकर ऑफीशियल्स से सवाल किए थे.
बहरहाल अब तक प्यार की भाषा को ही अपनर हथियार मानते रहे अरविंद अब प्यार के दिन को अपने इरादों की सीढ़ी बना कर इस्तेमाल करेंगे और सुविधाओं की शक्ल में दिल्ली को प्यार बाटेंगे. तो कह सकते हैं की प्यार के इजहार के वीक में अरविंद ने दिल्ली से प्यार मांगा और दिल्ली ने दिल खोल कर उन पर प्यार बरसाया. अब केजरीवाल की बारी है की 5 साल केजरीवाल के नारे के जवाब में दिल्ली को 5 साल दिल्ली को प्यार बजरिए केजरीवाल कहना होगा. तभी तो उनकी सच्चे आशिक वाली इमेज सही साबित होगी.
वैसे ऐसा नहीं है कि ये बात केजरीवाल समझ नहीं रहे हैं तभी तो उन्होंने ऐसी शानदार जीत के लिए दिल्ली को थैंक्स कहने के साथ साथ कुछ और भी कहा है. पहली बात तो उन्होंने कहा कि जीत के बाद उनकी पार्टी को अहंकार से बच कर रहना है और दूसरी बात उन्होंने कही है कि वो बावजूद इसके की जरूरी सीट्स से कम आने पर भी वो बीजेपी को मुख्य विपक्षी दल का सम्मान देंगे और दिलवायेंगे. यानि बीजेपी को अपनी बात मानने के लिए प्यार से मनायेंगे.
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