दिल्ली की एक अदालत ने नितिन गडकरी मानहानि मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया है.
केजरीवाल ने गडकरी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसके बाद गडकरी ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया था.
पटियाला हाउस कोर्ट की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद अरविंद केजरीवाल ने 10 हज़ार रुपए की ज़मानत राशि जमा कराने को कहा था.
लेकिन उन्होंने पार्टी के आदर्शों का हवाला देते हुए ज़मानत राशि भरने से इनकार कर दिया.
'अच्छे दिनों का संकेत'
बीबीसी से बातचीत करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के किसी सदस्य के खिलाफ़ अदालत ने ऐसा रुख नहीं अपनाया.
उन्होंने कहा, "पिछले तीन साल में अरविंद केजरीवाल, योगेन्द्र यादव और मेरे समेत कई लोगों पर अऩेक आरोप लगते रहे हैं, हर बार हम अदालत जाते थे और पर्सनल अंडरटेकिंग पर हमें जाने दिया जाता था, आज पहली बार ज़मानत की बॉन्ड की मांग की गई, ज़ाहिर है ये आनेवाले अच्छे दिनों का संकेत है."
हालांकि मनीश सिसोदिया ने अदालत और भाजपा के बीच किसी सांठगांठ से साफ़ इनकार कर दिया.
पार्टी के नेता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अदालत के बाहर कहा, "पहले तीन मामलों में भी उन्होंने अंडरटेकिंग दी थी कि वे सुनवाई के लिए हाज़िर होते रहेंगे, और उन मामलों में अदालत ने अंडरटेकिंग को स्वीकार कर लिया था. केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी ने मुचलका न देने का फ़ैसला अपने उसूलों के आधार पर किया है."
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई तक केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.
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