यिंगलक और अपदस्थ सरकार के कई राजनेताओं को बैंकॉक के सैन्य आधार शिविर में आने को कहा गया था.
यिंगलक को कई घंटों तक वहां रखा गया और वहां से किसी अज्ञात स्थान को ले जाया गया.
सेना के प्रमुख जनरल प्रायुत चान-ओचा प्रमुख अधिकारियों से मिले और कहा कि किसी भी चुनाव से पहले हर हालत में सुधारों को लागू होना चाहिए.
जनरल प्रायुत ने शुक्रवार को आर्मी क्लब में राज्य के प्रबंधकों, व्यावसायिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों को बुलाया.
थाईलैंड की सेना के सबसे वरिष्ठ छह अधिकारियों को सरकार चलाने के लिए नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन की निगरानी की ज़िम्मेदारी प्रांतीय कमांडरों के हवाले की गई है.
संविधान निलंबित
बैंकॉक में मौजूद बीबीसी संवाददाता ने बताया कि पहले के तख़्तापलट की अपेक्षा इस बार नागरिक प्रशासन में तुरंत वापस आने का कोई वादा नहीं किया जा रहा है.
अधिकारियों की बैठक में जनरल प्रायुत ने कहा, ''मैं चाहता हूं कि सभी सरकारी अधिकारी देश को व्यवस्थित करने में मदद करें. चुनाव से पहले हमें हर हालत में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों को अंजाम दे देना चाहिए. यदि स्थिति शांतिपूर्ण रहती है तो हम जनता को सत्ता वापस करने के लिए तैयार हैं.''
इसी महीने यिंगलक को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था. तख़्तापलट के बाद कार्यकारी प्रधानमंत्री निवाथामरोंग बूंनसोंगफैसन और यिंगलक समेत अन्य 100 राजनेताओं को सैन्य शिविर में रिपोर्ट करने को कहा गया था.
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि जनरल प्रायुत ने इनमें से किसी से मुलाकात की थी या नहीं.
इस तरह की ख़बरें हैं कि तख़्तापलट के कारणों के बारे में जानकारी देने के लिए जनरल प्रायुत थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुलियादेज से मुलाकात करने वाले थे लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है.
गुरुवार को सेना ने यह कहते हुए संविधान को निलंबित कर दिया था और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के साथ राजनेताओं को हिरासत में ले लिया था कि महीनों से चल रहे उथलपुथल में ऐसा आदेश देना ज़रूरी हो गया था.
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