नई दिल्ली (एएनआई)। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पेरिस में हुई पांच दिवसीय बैठक में बेशक आतंकियों का हमदर्द पाकिस्तान टेरर फंडिंग को लेकर ब्लैकलिस्ट होने से बच गया है लेकिन वह ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है। इस संबंध में भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का कहना है कि पाकिस्तान पर एफएटीएफ के निर्देशों को डिलीवर करने का प्रेशर है।

शांति बहाल करने की दिशा में काम करें

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को  एएनअाई से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी। अब यह उनके ऊपर है कि वे इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं। हम केवल यही चाहेंगे कि वे एफएटीएफ के निर्देशों का पालन करें और शांति बहाल करने की दिशा में काम करें। ऐसी 'ग्रे लिस्ट' पर होना किसी भी राष्ट्र के लिए एक झटका है।


पाक को 'ब्लैक लिस्ट' में डाला जाएगा
बता दें कि एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग रोकने में नाकाम रहे पाकिस्तान को कल शुक्रवार को सख्त निर्देश दिया है। एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने कहा कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक और अधिक और तेज गति से कार्रवाई करने की जरूरत है। अगर पाकिस्तान इसमें तेजी नहीं लाता है तो  उसे 'ब्लैक लिस्ट' में डाल दिया जाएगा।

चार महीने तक ग्रे लिस्ट में रहेगा पाक
सूत्रों के मुताबिक वैश्विक निगरानी में सदस्यों के बीच सहमति बनी थी कि वह पाकिस्तान को उसकी 27-सूत्रीय कार्ययोजना के आधार पर 'ग्रे लिस्ट' में बनाए रखे।  ऐसे में पाकिस्तान अगले चार महीने तक ग्रे लिस्ट में रहेगा। एफएटीएफ द्वारा तय 27 मानकों के आधार उस पर एक्शन होगा। पाकिस्तान की स्थिति पर अगला निर्णय अब अगले साल फरवरी में एफएटीएफ द्वारा लिया जाएगा।

 

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