हाल ही में अखाड़ों के महामंडलेश्वर से जुड़े दो विवाद सामने आए। पहला मामला विवादों में घिरी राधे मां का है जिन्हें जूना अखाड़े ने महामंडलेश्वर नियुक्त किया था। दहेज प्रताड़ना के मामले में उनका नाम आने के बाद उनका यह पद विवाद में आया।
दूसरा मामला सचिन दत्ता का है जिनके बारे में बताया गया कि वह ग़ाज़ियाबाद में कथित तौर पर बीयर बार चलाने और ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त का कारोबार करते हैं। सचिन दत्ता को पहले महामंडलेश्वर बनाया गया था लेकिन बाद में इस फ़ैसले को रद्द कर दिया गया।
पढ़िए कि आख़िर महामंडलेश्वर कैसे बनाए जाते हैं।
महामंडलेश्वर बनने के लिए ज़रूरी योग्यता
1- व्यक्ति में वैराग्य होना चाहिए
2- संन्यास होना चाहिए
3- न घर-परिवार और न ही पारिवारिक संबंध होने चाहिए
4- आयु का कोई बंधन नहीं
5- संस्कृत, वेद-पुराणों का ज्ञान ज़रूरी, कथा कहें, प्रवचन दें
6- कोई व्यक्ति या तो बचपन में अथवा जीवन के चौथे चरण यानी वानप्रस्थाश्रम में महामंडलेश्वर बन सकता है.
7- अखाड़ों में परीक्षा ली जाती है
महामंडलेश्वर के काम –
1- सनातन धर्म का प्रचार देश के कोने कोने में करना
2- अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाना
3- भटके लोगों को मानवता की सही राह दिखाना
महामंडलेश्वर बनने के फ़ायदे –
1- शिष्य बनते हैं
2- लोगों से जु़ड़ाव
3- समाज में उठना बैठना, घूमना-फिरना
4- कोई आर्थिक लाभ नहीं
5- कुंभ के शाही स्नान में महामंडलेश्वर रथ पर सवार होकर निकलते हैं.
6- महामंडलेश्वर के लिए कुंभ में वीआईपी व्यवस्था
7- सुरक्षा के अलग प्रबंध
8- आगे पीछे नेताओं,अधिकारियों का जमघट
कुंभ में शामिल अखाड़े
कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में 13 अखाड़े बनाए थे. आज तक वही अखाड़े बने हुए हैं।
बाकी कुंभ मेलों में सभी अखाड़े एक साथ स्नान करते है लेकिन नाशिक के कुंभ में वैष्णव अखाड़े नाशिक में और शैव अखाड़े त्र्यंबकेश्वर में स्नान करते हैं। यह व्यवस्था पेशवा के दौर में कायम की गई जो सन् 1772 से चली आ रही है।
1. निर्मोही अनी अखाड़ा (नाशिक)
2. निर्वाणी अनी अखाड़ा (नाशिक)
3. दिगंबर अनी अखाड़ा (नाशिक)
4. जूना अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
5. आवाहन अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
6. पंचअग्नि अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
7. तपोनिधी निरंजनी अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
8. तपोनिधी आनंद अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
9. पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी (त्र्यंबकेश्वर)
10. आठल अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
11. बडा उदासिन अखाड़ा निर्वाण (त्र्यंबकेश्वर)
12. नया उदासीन अखाड़ा निर्वाण (त्र्यंबकेश्वर)
13. निर्मल अखाड़ा (त्र्यंबकेश्वर)
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