कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Apple Watch के फीचर्स वाकई कमाल के हैं। ये ना सिर्फ आपको फिटनेस के बारे में अलर्ट करती है बल्कि जब भी कभी आपके दिल की धड़कन तेज होती है तो ये आपको इस बारे में भी बता देती है। इस तरह से आप कह सकते हैं कि Apple Watch एक लाइफ सेविंग डिवाइस है। मगर ये केवल कहने के लिए लाइफ सेविंग डिवाइस नहीं है। इसने समय रहते लोगों को अलर्ट करके उनकी जान भी बचाई है। हाल ही में इससे जुड़ा एक और मामला देखने को मिला है। जिसमें वॉच ने अलर्ट भेजकर ना सिर्फ एक महिला बल्कि उसके होने वाले बच्चे की भी जान बचाई।


Apple Watch ने कैसे बचाई जान


रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक महिला राहेल मनोलो 33 हफ्ते की प्रेग्नेंट थीं। अचानक से मनोलो की हार्टबीट तेज हो गई, जिससे उन्हें अजीब सा महसूस होने लगा। जिसके बाद महिला ने Apple Watch के EKG फंक्शन का यूज किया। दरअसल मनोलो को काफी टाइम से चक्कर आ रहे थे, इसके साथ ही उन्हें सांस फूलने की भी समस्या हो रही थी। मगर वो इन सबको इग्नोर कर रही थी। मनोलो एक हार्ट स्पेशलिस्ट हैं और इन सभी लक्षणों को देखकर उन्हें लगा कि प्रेग्नेंसी के टाइम ऐसा होना नार्मल है। लेकिन जब मनोलो की हार्ट बीट 150 बीट पर मिनट तक पहुंच गई तब उनको प्रॉब्लम हुयी। जब उनकी हार्ट बीट इतनी तेज हुयी तो Apple Watch ने मनोलो को अलर्ट किया। इसके बाद उन्होंने मेडिकल हेल्प ली। हॉस्पिटल पहुंचने पर उनका ठीक से ट्रीटमेंट हुआ। जिसके बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया।


हेल्थ मॉनिटरिंग डिवाइस क्यों है जरूरी


कई बार ऐसा हो जाता है कि काम में बिजी होने के कारण हम अपनी हेल्थ पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में डिजिटल स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस हमारी हेल्थ को मॉनीटर करने में हेल्प करते हैं। इसके साथ ही अगर यूजर की हेल्थ में किसी तरह का कोई इश्यू समझ में आता है तो डिवाइस यूजर को अलर्ट करता है। हालांकि जरूरी नहीं है कि ये डिवाइसेस एकदम से सटीक जानकारी दें। लेकिन अगर कभी आपको हेल्थ से रिलेटेड अलर्ट आता है तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लें।


हार्टबीट को ट्रैक करती है वॉच

Apple Watch में एक Optical Heart Rate Sensor है। इस सेंसर के जरिए वॉच यूजर की हार्टबीट को ट्रैक करती रहती है। स्पेशली उस टाइम पर जब यूजर किसी तरह की फिजिकल एक्टीविटी जैसे-जॉगिंग, रनिंग, डांसिंग या एक्सरसाइज करता है। आपको बता दें कि Apple Watch के बैक में एक ग्रीन लाइट लगी होती है। यही ग्रीन लाइट यूजर के ब्लड फ्लो की रीडिंग करती है। इसके साथ ही वॉच ऑक्सीजन लेवल, रेस्ट और मेडीटेशन जैसी एक्टिविटीज को भी ट्रैक करती है। अगर वॉच किसी भी तरह का खतरा महसूस करती है या उसे किसी भी एक्टिविटी पर शक होता है तो ये तुरंत यूजर को अलर्ट भेज देती है।

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