हुआ यूँ कि ऐपल मैप से मिली गलत जानकारी की वजह से कुछ मोटर साइकिल सवार ऐसी जगह जा पहुँचे जहाँ खाने-पानी के लिए कुछ भी नहीं था और उन्हें 24 घंटे तक भूखा-प्यासा रहना पड़ा.

मिलडूरा और विक्टोरिया के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इन लोगों की मदद के लिए जाना पड़ा और तब कहीं जाकर उनकी जान बचाई जा सकी. ऐपल मैप सॉफ्टवेयर इसी साल सितम्बर में जारी किया गया था और तभी इसकी बड़ी आलोचना हुई थी. पिछले हफ्ते ही ऐपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने माना था कि ऐपल मैप में कुछ खामियां हैं जिन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है.

क्या हुआ, कैसे हुआ?

एक प्रेस विज्ञप्ति में विक्टोरिया पुलिस की वरिष्ठ अधिकारी शेरॉन डार्सी ने बताया, ''पुलिस ने ऐपल मैप तकनीक का परीक्षण किया तो पाया कि मिलडूरा, सनसेट नेशनल पार्क के बीच में है जबकि हकीकत में वो वहां से 70 किलोमीटर दूर है.''

शेरॉन डार्सी कहती हैं, ''पुलिस को वाकई बड़ी चिंता हो गई थी क्योंकि वहां पानी है ही नहीं, तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, यानी जान के लिए खतरा है.''

पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि जब तक ये समस्या हल नहीं हो जाती, उन्हें किसी दूसरी मैपिंग-सर्विस की मदद लेना चाहिए. इस साल सितम्बर में ऐपल ने अपने सॉफ्टवेयर से गूगल मैप को हटा दिया था ताकि वो इसकी जगह अपना मैपिंग-सिस्टम आगे बढ़ा सके.

लेकिन शुरुआत से ही लोग ऐपल मैप सॉफ्टवेयर के बारे में शिकायतें करते रहे हैं कि इसमें कई खामियां हैं. ऐपन ने पहले तो अपनी तकनीक का बचाव किया था लेकिन बाद में मान लिया था कि इसमें गड़बड़ी है और माफी मांग ली थी.


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