ऐपल के 53 वर्षीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक की घोषणा तक इस घड़ी को लेकर सस्पेंस कायम रहा.

उन्होंने और उनके साथियों ने ऐपल वॉच की छोटी सी स्क्रीन पर भी कई ऐप्स चलाकर दिखाए. लॉन्च होने के बादे से ही इंटरनेट पर ऐपल वॉच चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

आइए जानते हैं इंटरनेट पर ऐपल वॉच के बारे में किसने क्या कहा.

वोग

फैशन के नज़रिए से देखा जाए तो घड़ी का बाहरी डिज़ायन सामान्य है – न ज्यादा भड़कीली, न सादी. हमे लगता है कि फैशनपरस्तों से ज्यादा तक़नीक के शौकीन लोग इसे खरीदेंगे.

गिज़मोडो

ऐपल वॉच में सबसे खास चीज़ इसको नियंत्रित करने वाले बटन हैं. बड़े स्क्रीनों के लिए बनाए गए मल्टी-टच इनपुट की जगह ऐपल वॉच में ‘डिजिटल क्राउन’ यानी एक खास डायल का इस्तेमाल किया गया है, जैसा कि हम किसी आम घड़ी में देख पाते हैं.

वायर्ड

इस घड़ी में मौजूद मैप ऐप ने हमे चौंका दिया. वाइब्रेशन सिस्टम मैप के साथ काम करता है और आपकी दर्ज की हुई मंज़िल तक आपको पहुचाता है. गलत रास्ता लेने पर वाइब्रेट कर चेताता भी है.

कैसी है पहली ऐपल स्मार्ट वॉच?

दी वर्ज

ऐपल ने वॉच से संबंधित कई ज़रूरी बातों पर रोशनी नहीं डाली, जैसे कि इसका स्क्रीन रेसोलूशन, प्रोसेसिंग स्पीड और सबसे अहम बात, बैटरी लाइफ़....ये बात भी हजम नहीं होती कि घड़ी का स्क्रीन हमेशा एक्टिव नहीं होता और सिर्फ हिलाने-डुलाने या कमांड देने पर ही समय दिखाता है.

फ़ाइनेंशियल टाइम्स

इतने महत्वपूर्ण उत्पाद का तुरंत-फुरत डेमो दिखाने के पीछे किसी की क्या रणनीति हो सकती है? और ऊपर से कान फोडू रॉक संगीत सुनाकर सुन्न छोड़ दिया जाता है. शायद वो चाहते हैं कि हम सभी चुपचाप आत्मसमर्पण कर दें.

वॉल स्ट्रीट जर्नल

ओके, कोई मुझे ये बताए कि मैं अपने घड़कनों की गति किसी अन्य ऐपल वॉच मालिक से भला क्यों शेयर करूं? ये एक ईमानदार सवाल है.

कैसी है पहली ऐपल स्मार्ट वॉच?

टेकक्रंच

ये गज़ब का दिखता है. मुझए कोई शक नहीं है कि लोगों की ज़रूरत की चीज़ें बनाने वाली अनगिनत कंपनियां पहने जा सकने वाले एंड्रॉएड गैजेट बनाएंगे. अब उन्हें गोल मुंह वाले मोटो 360 के साथ ऐपल वॉच से भी प्रतिस्पर्धा करनी होगी.

वॉशिंगटन पोस्ट

देखिए, क्या हमें वाकई में इसकी ज़रूरत है? इसके अलावा अगर आपको समय देखना है तो मोबाइल तो है ही न.

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