इसके पहले अमरीका के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने टूथपेस्ट में विस्फोटक छिपाकर ले जाने की आशंका जताई थी.

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि चरमपंथी विमान में उड़ान के दौरान या विमान के उतरने के बाद विस्फोटकों को जोड़ने का काम कर सकते हैं.

शुक्रवार से शुरू होने रहे सोची शीत ओलंपिक खेलों के लिए सुरक्षा स्तर को बढ़ा दिया गया है.

अस्थायी प्रतिबंध

अमरीका से सीधे  रूस जाने वाली उड़ानों में तरल पदार्थ, जेल या स्प्रे जैसे गैसीय पदार्थ ले जाने पर अस्थायी प्रतिबंध गुरुवार से लगाए गए.

"खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमरीकी सरकार सबकुछ कर रही है"

-बराक ओबामा, राष्ट्रपति अमरीका

रूस ने पिछले महीने ही अपने घरेलू विमानों और हवाई अड्डों पर सभी तरह के तरल पदार्थ, पेस्ट और जेल लेकर आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को कहा था कि खेलों के दौरान आतंकवादियों की साज़िश को विफल करने में रूस की अहम भूमिका है.

एनबीसी टीवी से उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमरीकी सरकार सबकुछ कर रही है.

अमरीका ने काले सागर में पहले ही अपने दो युद्धपोत तैनात कर रखे हैं, जो खेलों के दौरान किसी भी तरह के ख़तरे की स्थिति में सुरक्षा देने को तैयार हैं.

सुरक्षा का स्तर

रूस के उप प्रधानमंत्री दमित्री कोज़ाक ने कहा है कि सोची में सुरक्षा का स्तर वैसा ही है, जैसा कि दुनिया के किसी भी सुरक्षित शहर में होता है.

पिछले साल दिसंबर में वोल्गोग्राद में हुए दो आत्मघाती हमलों और कॉकेशस इलाक़े के इस्लामिक चरमपंथियों की कई धमकियों के बाद सोची में हो  शीत ओलंपिक को लेकर सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं.

सोची ओलंपिक: तरल पदार्थ ले जाने पर प्रतिबंध

रूस में समलैंगिक संबंधों को लेकर पिछले साल पास हुए एक क़ानून की भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी आलोचना हो रही है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव  बान की मून ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की सोची में हुई बैठक में इस मुद्दे का जिक्र किया था.

आवाज़

उन्होंने कहा, ''खेल में लोगों को सहज रूप से एकजुट करने की अद्भुत शक्ति है. हमें समलैंगिकों पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ ज़रूर उठानी चाहिए.''

मून कहा, ''समलैंगिक ग़िरफ़्तारी, हिरासत और भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना कर रहे हैं और हमें इसका विरोध ज़रूर करना चाहिए.''

इस अवसर पर मून ने दुनियाभर में युद्धरत लोगों से ओलंपिक भावना को ध्यान में रखते हुए खेलों के दौरान हथियार छोड़ने और युद्धविराम की फिर अपील की.

इसी तरह की एक अपील रूसी विदेशी मंत्रालय ने भी की थी. उसने कहा कि उसकी अपील मूल रूप से सीरिया में संघर्षरत पक्षों के लिए थी.

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