(1) Anti Terrorist Squad :-
Anti Terrorist Squad (ATS) एक स्पेशल पुलिस फोर्स की तरह काम करती है, जो इंडिया के सभी राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में एक्टिव है. महाराष्ट्र में सीनियर IPS ऑफिसर के.पी. रघुवंशी इसके हेड हैं. इस स्पेशल सेल की स्थापना दिसंबर 1990 में हुई थी, उस दौरान मुंबई पुलिस के एडिशनल कमिश्नर आफताब अहमद खान ने लॉस एंजेल्स पुलिस डिपार्टमेंट की स्पेशल सेल (SWAT) से प्रभावित होकर इस संगठन की शुरुआत की थी. एटीएस के ऑफिसर्स काफी बहादुर होते हैं, अभी तक इनके खाते में 23 गैलेंट्री अवार्ड आ चुके हैं.
70 परसेंट क्राइम हआ खत्म
1990 में अहमद खान द्वारा स्थापित की गई ATS ने मुंबई में तकरीबन 70 परसेंट तक क्राइम खत्म कर दिया था. वैसे इस सेल का काम करने का अलह ही तरीका होता है, जिसकी वजह से संगठन पर कई बार सवाल खड़े हुए. संगठन पर ह्यूमन राइट्स के वॉयलेशन को लेकर आरोप लगाए गए. इसके अलावा 1991 का लोखंडवाला कांप्लेक्स शूटआउट इस स्पेशल सेल के लिए कलंक बन गया. वहीं कुछ एनकाउंटर्स ऐसे भी थे, जिसे लेकर संगठन पर संदेह जताया गया. लेकिन ATS ऑफिसर्स इन आरोपों से दूर क्राइम और आतंकियो का सफाया करते रहे.
कुछ बड़े ऑपरेशन में लिया हिस्सा
ATS ने कई बड़े ऑपरेशन में हिस्सा लिया है. जिसमें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ आतंकी हमला शामिल है. मुंबई के फाइव स्टार होटल ताज और ओबेराय ट्रिडेंट में कुछ आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद ATS ऑफिसर्स ने मोर्चा संभाला और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. हालांकि इस हमले में काफी जान-माल का नुकसान हुआ था. जिसमें 146 लोग मारे गए थे, वहीं 327 लोग घायल हुए. इस मुठभेड़ में ATS चीफ हेमंत करकरे, एडिशनल कमिश्नर अशोक काम्टे और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सलास्कर सहित 14 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इसके अलावा ATS का 1991 में लोखंडवाला शूटआउट काफी चर्चित रहा, जिसमें माया और बुआ समेत 7 गैंगस्टर को मार गिराया गया था.
(2) Force One (Mumbai Police) :-
फोर्स वन मुंबई पुलिस की एलीट कमांडो फोर्स है. जोकि मुंबई मेट्रोपोलियन एरिया को आतंकवादियों से सुरक्षा करती है. 2008 के मुंबई अटैक के बाद इस संगठन की स्थापना पर विचार किया गया. इसे 26 नवंबर 2010 को महाराष्ट्र सरकार ने स्थापित किया था. यह महाराष्ट्र पुलिस के अंडर वर्क करती है. फोर्स वन के जवानों को महाराष्ट्र इंटेलिजेंस एकेडमी के अंतर्गत ट्रेनिंग दी जाती है. इसकी खासियत यह है कि, इसके जवान रैपिड शूटिंग स्िकल्स में माहिर होते हैं और किसी भी टेरर अटैक को रिस्पांड करने में सिर्फ 15 मिनट का ही समय लेते हैं.
पहले बैच में थे 216 कमांडो
फोर्स वन का हेडक्वॉर्टर 96 एकड़ में बना हुआ है, जोकि गुड़गांव के ग्रीन एरे मिल्क कॉलोनी पर स्िथत है. इसके स्पेशल फोर्स के पहले बैच में 216 एलीट कमांडो शामिल थे, जिसमें कि स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल रजनीश सेठ इस टीम के कमांडर बनाए गए.
(3) National Security Guard :-
National Security Guard (NSG) इंडिया की सबसे प्रमुख सिक्योरिटी फोर्स है. इसका काम टेररिस्ट एक्टीविटी को रोकना और राज्य में हो रहे इंटरल डिस्टरबेंस को संभालना होता है. यह फोर्स नेशनल लेवल पर वर्क करती है. इसे NSG, ब्लैक कैट या फिर कमांडो के नाम से जाना जाता है. यह काफी खतरनाक फोर्स है. जिसकी ब्लैक कलर की यूनिफॉर्म होती है. इसके दो विभाग होते हैं, पहला Special Action Group (SAG) और दूसरा Special Ranger Groups (SRG), इन दोनों का काम किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों से लड़ना होता है. इंडियन पुलिस सर्विस के डायरेकटर जनरल इसके चीफ बनते हैं.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद बना संगठन
1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद NSG की स्थापना की गई. इस ऑपरेशन में गोल्डेन टेंपल को काफी नुकसान हुआ था. जिसके चलते भारत सरकार ने ऐसी किसी भी गतिविधि से निपटने के लिए ब्लैक कैट कमांडो का गठन किया. हालांकि NSG ने 1986 में पंजाब के ऑपरेशन ब्लैक थंडर में हिस्सा लिया. वहीं 25 अप्रैल 1993 को इंडियन एयरलाइंस बोइंग 737 के हाईजैक के बाद NSG ने ऑपरेशन अश्वमेध चलाकर हाईजैकर्स को पकड़ा. NSG हर समय देश की सुरक्षा में खड़ी रहती है. मुंबई अटैक या फिर हैदराबाद बम ब्लॉस्ट, इन सभी में NSG ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.
Hindi News from India News Desk
National News inextlive from India News Desk