चीन में भ्रष्टाचार रोधी अभियान से सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने कहा है कि कई शीर्ष नेताओं और सैन्य अधिकारियों को दोषी ठहराने वाले भ्रष्टाचार रोधी अभियान ने संगठन और इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है. सीपीसी ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब इस भ्रष्टाचार रोधी अभियान के धीमा पडऩे के संकेत मिल रहे हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सेंट्रल कमेटी फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन (सीसीडीआई) की वेबसाइट पर मंगलवार को छपी एक समीक्षा के अनुसार, इससे अनुशासन एवं नियमों का उल्लंघन करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को तो सजा मिली ही है, लेकिन इससे संगठन को भी नुकसान पहुंचा है. इससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है. हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने इस समीक्षा का हवाला देते हुए कहा, अनुशासन और नियम का उल्लंघन करने वाले हर कार्यकर्ता को दंडित करने के परिणाम पार्टी के लिए व्यक्ति को दंडित करने से कहीं ज्यादा खराब हैं. खबर में कहा गया कि इस समीक्षा से ऐसे कयास शुरू हो गए हैं कि भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी शीर्ष अधिकारियों को हटाने के अपने अभियान को धीमा कर दे या बिल्कुल बंद भी कर सकती है.
वर्ष 2013 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा यह अभियान शुरू किए जाने के बाद से अब तक भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों ने प्रांतीय एवं मंत्री पद स्तर के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए इन लोगों में पूर्व स्थायी समिति के सदस्य और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख जोउ योंगकांग शामिल हैं. वह सीपीसी के ऐसे शीर्ष अधिकारी हैं, जिन्हें हाल के वर्षों में हिरासत में लिया गया है. इसके अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 33 शीर्ष जनरल के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू की गई है.
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